भारत में कोरोना वायरस के टीकाकरण का महा अभियान शुरू हो चुका है. कोरोना वायरस की वैक्सीन आने से महामारी के अंत की उम्मीद तो जगी है लेकिन सब कुछ इतनी जल्दी सामान्य नहीं होने वाला है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी आपको मास्क लगाना होगा और तमाम एहतियात बरतने होंगे. इसके लिए वैज्ञानिकों ने कई वजहें बताई हैं. एक तो वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ पूरी सुरक्षा की गारंटी नहीं है. अभी तक हमें ये नहीं मालूम है कि वैक्सीन लगवाने के बाद लोग संक्रमण फैला सकते हैं या नहीं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी आगाह किया है कि जब तक एक बहुत बड़ी आबादी को वैक्सीन देकर सुरक्षित नहीं कर दिया जाता, तब तक कोरोना संक्रमण फैलता रहेगा. यानी हर्ड इम्यूनिटी बनने में लंबा वक्त लग सकता है.
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के न्यूरोइकोनॉमिस्ट उमा करमाकर ने न्यू यॉर्क टाइम्स से कहा, “वैक्सीन साल 2019 में लौटने का टिकट नहीं है. लोगों को पहले की तरह अपनी जिंदगी को सामान्य बनाने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. वैक्सीन लगने के बाद चीजें धीरे-धीरे आगे बढ़ेंगी लेकिन कई बदलावों में वक्त लगेगा.”
शुरुआती डेटा के मुताबिक, अमेरिका में वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना संक्रमण का खतरा 95 फीसदी तक कम हो सकता है. इसका ये मतलब भी है कि आबादी का एक हिस्सा वैक्सीन लगवाने के बाद भी बीमार पड़ सकता है. ऐसे में, जब कोरोना महामारी पूरी दुनिया में फैली हुई है, छोटे स्तर का संक्रमण भी बड़े आंकड़े में तब्दील हो सकता है.
वैक्सीन लगवाने के बाद कितना खतरा?
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर आपको वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है लेकिन बाकियों को नहीं लगी है तो इससे आपकी जिंदगी बहुत बदलने वाली नहीं है. वैक्सीन लगवाने के बाद ग्रॉसरी स्टोर जाना या बैंक जाना पहले की तुलना में सुरक्षित हो सकता है. खासकर, जो लोग संक्रमण के जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करते हैं, उनके लिए खतरा कम हो जाएगा. यही वजह है कि भारत में पहले चरण में सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही वैक्सीन दी जा रही है. लेकिन इन सबके बावजूद, आपको मास्क लगाना होगा और भीड़-भाड़ वाली जगह में जाने से बचना होगा. ये आपकी और दूसरों की सुरक्षा, दोनों के लिए जरूरी है.
नैशविले के वैन्डबिल्ट मेडिकल सेंटर में महामारी विशेषज्ञ डॉ. विलियम स्कैफनर ने कहा, “आप वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं और दूसरों में संक्रमण फैला सकते हैं. जॉन हॉपकिन्स सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी में सीनियर स्कॉलर डॉ. अमेश अदालजा ने कहा, वैक्सीन की दो डोज के साथ हम आपको ये गारंटी नहीं दे सकते हैं कि आप एसिम्प्टोमैटिक (बिना लक्षण दिखे) तरीके से कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हैं और दूसरों में ये संक्रमण नहीं फैलेगा. इसलिए हमें बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है.”
अदालजा ने कहा, “अगर आप किसी को गले लगाते हैं और उन्हें वैक्सीन नहीं लगी है. मान लीजिए कि उस व्यक्ति को डायबिटीज है या उनकी उम्र 60 से ज्यादा है तो आप उनमें संक्रमण फैला सकते हैं और वो गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं. अगर बुजुर्ग आबादी को वैक्सीन लग जाती है तो फिर राहत की बात होगी क्योंकि कोरोना वायरस से मौत का सबसे ज्यादा खतरा इसी आबादी को ही है.”
अगर आपके पूरे परिवार और सारे दोस्तों को वैक्सीन लग चुकी है तो आप उनके साथ घुल-मिल सकते हैं. लेकिन जब आपको अपने आस-पास के लोगों के बारे में ये जानकारी ना हो तो उनके साथ घूमना या संपर्क करना जोखिम भरा हो सकता है.
सब कुछ कब पहले की तरह हो जाएगा?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब हर्ड इम्यूनिटी हासिल हो जाएगी, तब आपकी जिंदगी पहले की तरह सामान्य हो सकती है. हर्ड इम्युनिटी हासिल होने के बाद वायरस आसानी से नहीं फैल पाता है क्योंकि अधिकतर लोगों को वैक्सीन लग चुकी होती है या फिर बड़ी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके होते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि हर्ड इम्युनिटी हासिल करने के लिए 70 फीसदी आबादी में इम्युनिटी विकसित होना जरूरी है. जब ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लग जाएगी तो रेस्टोरेंट में खाना, बस या ट्रेन में सफर या पार्टी में जाना सुरक्षित होगा. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि संभवत: अगले क्रिसमस तक आपको कोरोना की पाबंदियों से छुटकारा मिल जाए.
वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी में महामारी विशेषज्ञ एरिक लोफग्रेन ने कहा, “इम्युनिटी कोई ऑन-ऑफ का स्विच नहीं है, ये डायल की तरह है. अगर आप हर्ड इम्युनिटी को हासिल नहीं कर पाए हैं तो वायरस बड़ी आसानी से पूरी आबादी में फैलता रहेगा और इस बात की भी संभावना है कि वैक्सीन आपके लिए काम ना करे.”
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि हर्ड इम्युनिटी हासिल होने पर भी कोरोना पूरी तरह से गायब नहीं होने वाला है. ऐसे में, कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बावजूद आपको एहतियात बरतते हुए थोड़ा इंतजार करना होगा.