केंद्र सरकार के कामकाज में सुधार की बात स्वीकार करने के बावजूद अधिकतर लोगों ने माना कि देश में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है. इंडिया टुडे और कार्वी इनसाइट्स की ओर से आयोजित मूड ऑफ द नेशन (MOTN) सर्वे में लोगों ने भ्रष्टाचार के बढ़ने की बात कही. क्या देश में भ्रष्टाचार बढ़ा है? इस सवाल पर 76 फीसदी लोगों ने कहा कि हां जबकि 20 प्रतिशत लोग बोले कि नहीं. वहीं 4 फीसदी लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया.
सर्वे में शामिल 12232 लोगों में से 39 फीसदी लोगों ने माना कि राजनेता सबसे अधिक भ्रष्ट होते हैं जबकि 20 प्रतिशत लोगों का कहना था कि पुलिस सबसे अधिक भ्रष्ट है. सरकारी अधिकारियों को 14 फीसदी लोगों से सबसे अधिक भ्रष्ट माना. डॉक्टर को पांच, पत्रकारों को 5%, वकीलों को 4%, कारोबारियों को 3%, नौकरशाहों को 3%, पीएसयू अफसरों को 2%, जजों को 2%, टीचर को 2%, प्रोफेशनल्स 1% को और सैन्य सदस्यों को 1 फीसदी लोगों ने सबसे भ्रष्ट माना.
वहीं केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से लागू किए गए कृषि कानूनों को लेकर भी लोगों ने अपने विचार जाहिर किए. देश का मिजाज सर्वे में 38 फीसदी लोगों का मानना है कि नए कृषि कानूनों से किसानों को मदद मिलेगी, जबकि 32 प्रतिशत लोग मानते हैं कि इन कानूनों से सिर्फ कॉरपोरेट्स को मदद मिलेगी. 25 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इससे किसानों और कॉरपोरेट्स दोनों को मदद मिलेगी. 8 फीसदी लोग ऐसे भी लोग थे जिन्होंने कहा कि वो इस बारे में कुछ कह नहीं सकते हैं.
अर्थव्यवस्था में बेहतरीन
अर्थव्यवस्था पर 20 फीसदी लोगों ने मोदी सरकार को बेहतरीन बताया. 46 फीसदी लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार अच्छा कर रही है. हालांकि 21 फीसदी लोगों ने इस मोर्चे पर सरकार को औसत माना. 10 फीसदी ने खराब करार दिया. वहीं दो प्रतिशत ऐसे लोग भी थे जिन्होंने कुछ भी नहीं कहा.
इंडिया टुडे और कार्वी इनसाइट्स की ओर से आयोजित मूड ऑफ द नेशन (MOTN) सर्वे में 25 फीसदी लोगों ने योगी आदित्यनाथ को यूपी का बेहतर सीएम बताया जबकि 14 फीसदी लोगों ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के प्रदर्शन को बेहतर माना. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काम को आठ फीसदी लोगों ने सराहा. जबकि 6 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम की तारीफ की.