अलीगढ़, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने आज उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण का चक्रानुक्रम पूरा करने का आदेश राज्य सरकार और चुनाव आयोग को दिया है। इससे पहले राज्य सरकार ने अदालत में स्वयं कहा कि वह 2015 को आधार वर्ष मानकर त्रिस्तरीय चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था लागू करने के लिए स्वयं तत्पर है। यह तथ्य सामने आने के बाद अदालत ने पंचायत चुनाव को 25 मई तक पूरा करने के आदेश दिए हैं। इससे पहले इलाहाबाद की एक डिवीजन बेंच ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को 15 मई तक पूरा करने के निर्देश दिए थे।
आपत्तियों की लगी झड़ी
दो मार्च को पंचायती राज विभाग ने इसके लिए प्रस्तावित आरक्षण जारी किया था। चार से आठ मार्च तक दावे व आपत्तियां मांगे गए। इस पर आपत्तियों की झड़ी लग गईं। लोगों ने बड़ी संख्या में प्रस्तावित आरक्षण पर आपत्ति जताईं। पूरे जिले से कुल 581 आपत्तियां आईं। इनमें प्रधान पद के लिए 512, जिला पंचायत सदस्य के लिए 34 व क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए 33 आपत्तियां शामिल थीं। इसमें तमाम लोग ऐसे हैं, जिन्होंने तीन-तीन आपत्तियां लगाई हैं। अगर इनकी सभी आपत्तियों का जोड़ा जाए तो संख्या 800 पहुंचती है, लेकिन प्रशासन ने एक व्यक्ति की एक ही आपत्ति की गिनती की है।
बिगड़ गए थे गणित
प्रस्तावित आरक्षण से जिले में कई दिग्गजों के गणित बिगड़ गए थे। दावेदार महीनों से तैयारियां में लगे थे, लेकिन इनकी सीट दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित हो गई है। अब शुक्रवार को अंतिम आरक्षण जारी होने से पहले ही कोर्ट ने रोक लगा दी।
इनका कहना है
जिले में शनिवार को अंतिम आरक्षण जारी करने की तैयारी थी, लेकिन एक दिन पहले ही सरकार ने रोक लगा दी। हमारा पूरा आरक्षण तैयार रखा हुआ है। अब शासन से जो आदेश मिलेंगे, उसका पालन होगा।
– पारुल सिसौदिया, डीपीआरओ