सांस्कृतिक जागरण का भी माध्यम बना आजादी का अमृत महोत्सव-राज्य मंत्री


वाराणसी (काशीवार्ता)। आजादी के अमृत महोत्सव का मकसद गर्व के उन पलों को याद करना है, जिनसे भारत की आजादी का इतिहास जुड़ा है। यह महोत्सव सांस्कृतिक जागरण का भी माध्यम बना है। देश की युवा पीढी भारत की सदियों पूरानी सांस्कृतिक विरासतों से परिचित हो रही है। यह बातें पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार), डॉ. नीलकंठ तिवारी ने प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो, लखनऊ व क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो, वाराणसी द्वारा आयोजित भव्य चित्र प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। यह कार्यक्रम आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत 01 से 05 दिसंबर तक राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, मलदहिया में किया गया है। लोकसम्पर्क और संचार ब्यूरो, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के प्रधान महानिदेशक सत्येन्द्र प्रकाश ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का उद्देश्य लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और त्याग के बारे में जानकारी देना है। अपर महानिदेशक आरपी सरोज ने कहा कि पांच दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत समेकित जनसम्पर्क कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है।
पाँच दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन जादू और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में राजकीय बालिका अन्तर कॉलेज, मलदहिया की प्राचार्या श्रीमती अर्चना सिंह, पत्र सूचना कार्यालय वाराणसी के मीडिया एवं संचार अधिकारी प्रशांत कक्कड़, क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी अन्य उपस्थित रहे। संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी डॉ. लाल जी ने किया।