वाराणसी (काशीवार्ता)। कोविड-19 की वजह से सुबह-ए-बनारस में प्रत्येक माह 28 तारीख को होने वाला काव्यमंजरी विगत कई माह से बन्द था, अगस्त माह से पुन: आरम्भ हो गया है। काव्यमंजरी विश्व बंधुत्व को चरितार्थ करता है। प्रत्येक माह 28 तारीख को होने वाली काव्यमंजरी का पुन: शुभारम्भ अन्तर्राष्ट्रीय कलेवर में हुआ। इसके अन्तर्गत कवियत्री सुमन अग्रवाल, मंजुला ठाकुर, आस्ट्रेलिया से डॉ.उर्मिला मिश्रा, मऊ से कवि पंकज प्रखर व अरविन्द मिश्र ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत सुबह-ए-बनारस के संस्थापक सचिव डॉ.रत्नेश वर्मा ने संयोजन व संचालन डॉ मंजरी पाण्डेय ने किया। समन्वयक अंकिता खत्री रहीं। कार्यक्रम की शुरूआत आस्ट्रेलिया की सुमन अग्रवाल ने शिव वंदना से किया। अरविन्द मिश्र ने मोहक गजल की प्रस्तुति दी। तत्पश्चात आस्ट्रेलिया से डॉ.उर्मिला मिश्रा ने पर्यावरण पर आधारित रचना सुनाई। पंकज प्रखर ने मऊ से अपनी रचना का पाठ किया। अंत में आस्ट्रेलिया की मंजुला ठाकुर ने सुमधुर गीत और गजल की प्रस्तुति से लगा जैसे रसगंगा प्रवाहित कर दी। कार्यक्रम को अगले माह के लिए विराम देने से पूर्व वन्देमातरम का उदघोष किया गया।