जानलेवा बनी सूर्य की तपिश


वाराणसी(काशीवार्ता)। प्रचंड गर्मी और लू से बेहाल काशीवासियों के लिए यह गर्मी जानलेवा हो चुकी है। पारा 43 से 45 डिग्री और उसके पार पहुंच जा रहा है। हालत यह है कि पिछले कई दिनों से काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका पर शवदाह के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इस दौरान पिछले रविवार को सात, सोमवार को नौ और अकेले सोमवार की रात आठ बजे से मंगलवार की सुबह आठ बजे तक लू से नौ मौतें हो चुकी है। यह आकंड़ा सिर्फ कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल का है। इसके अलावा बीएचयू स्थित सरसुंदर लाल अस्पताल, जिला अस्पताल पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और निजी अस्पतालों में भी रोज मरीज आ रहे हैं। निजी डाक्टरों के यहां भी लू से परेशान लोगों की कतारें लग रही हैं। घरों में भी मौतें हो रही है लेकिन इसका आंकड़ा प्रशासन के पास नहीं है। मंडलीय अस्पताल में सोमवार की रात आठ बजे से मंगलवार की सुबह आठ बजे तक आपात चिकित्सा कक्ष में तेज बुखार, डायरिया, लू जनित बीमारियों से पीड़ित सौ मरीज इलाज कराने आए। इनमें से गंभीर रूप से बीमार 44 मरीजों को भर्ती किया गया। इलाज के दौरान इनमें से पांच मरीजों की मौत हो गई। चार मरीज ऐसे भी आए जिनकी अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही मौत हो चुकी थी। वहीं पता चला है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भी मरीज आ रहे हैं। यहां चिकित्सक की कथित लापरवाही से एक मरीज की मौत हो गई।
बताया जाता है कि शिवपुर थाना क्षेत्र परमानंदपुर निवासी बैजू पटेल (55) को परिजनों ने बीमारी की हालत में सोमवार को दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन उसे रात में ही छुट्टी दे दी गई। बाद में उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद बैजू को लेकर परिजन मंगलवार की सुबह मंडलीय अस्पताल कबीर चौरा आये। यहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। एक ओर जिला अस्पताल में इलाज की लापरवाही दिखी तो वहीं दूसरी ओर मंडलीय चिकित्सालय में सोमवार की रात की ड्यूटी में तैनात डाक्टर बीके सिंह सहयोगियों के साथ रातभर सेवारत रहे। इस दौरान वह खुद डिहाईड्रेशन के शिकार हो गये। फिर भी बेहद गंभीर स्थिति में पहुंचे दो मरीजों की उन्होंने जान बचा ली। अस्पताल के प्रमुख अधिक्षक डाक्टर एस पी सिंह ने बताया कि भीषण गर्मी में लू से पीड़ितों को देखते हुए सभी डाक्टरों की छुट्यिं रद कर दी गई हैं। उधर, कमिश्नर कौशलराज शर्मा ने भी सोमवार को मंडलीय समीक्षा बैठक में सभी जिलों के सीएमओ को निर्देश दिया है कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित करें। ओआरएस घोल समेत इलाज का समुचित प्रबंध करें।
कोढ़ में खाज बनी बिजली की कटौती
भीषण गर्मी, उमस के बीच अघोषित बिजली कटौती भी कोढ़ में खाज बन गई है। प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद कटौतियां जारी हैं। हालत यह है कि बिजली कब आएगी और चली जाएगी इसका कोई पता नही है। एक तो वैसे ही लोग गर्मी से परेशान है उपर से लू जनित बीमारियों से परेशान लोगों के लिए बिजली कटौती और बेचैन और परेशान कर दे रही है। नगर के बहुतायत क्षेत्रों में कटौती के कारण पेयजल संकट भी खड़ा हो गया है। अघोषित कटौती की हालत यह है कि लोग रात में ठीक से सो नही पा रहे हैं। इसके कारण उनका मानसिक तनाव बढ़ रहा है और दिनचर्या प्रभावित हो रही है। हालत यह है कि शासन व प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद लोगों का राहत मिलती नही दिखाई दे रही है। सबसे अधिक बच्चे और बूढ़े गर्मी से बेहाल हैं। गर्मी और उमस ने एक बार फिर हाथ पंखा युग में पहुंचा दिया है।
कमिश्नर के आदेश के बाद भी जिला अस्पताल में लापरवाही उजागर