दिसंबर में होगा एमएलसी चुनाव!


गाजीपुर (काशीवार्ता)। स्थानीय विधान परिषद की खाली हो रही 36 सीटों पर चुनाव कराने के लिए अब भाजपा ने कमर कस लिया है। लखनऊ दौरे पर आए गृहमंत्री अमित शाह के सुझाव देने के बाद योगी सरकार ने चुनाव कराने के लिए कमर कस ली है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सब कुछ ठीक रहा तो पांच दिसंबर के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है। चूंकि आयोग की यह मजबूरी होती है कि कार्यकाल समाप्त होने के 90 दिन पहले चुनाव की औपचारिकता को पूरा कर लिया जाए। एमएलसी चुनाव की अटकलों के बीच एक बार फिर जिले का सियासी तापमान चढ़ने लगा है।
भाजपा एमएलसी विशाल सिंह चंचल इस बार फिर चुनाव मैदान में ताल ठोंकेंगे। चंचल ने चुनाव के लिए प्रत्येक ब्लाकों में क्षेत्र पंचायत सदस्यों के साथ ही ग्राम प्रधानों की बैठक करके उनको अपनी ओर आकर्षित करने का पूरा प्रयास किया है। मुहम्मदाबाद विधानसभा में भी उनकी बैठक हो चुकी है। यहां पर दो बैठकों ने सियासी पारा गरम भी किया था। लेकिन बीच में यह चर्चा शुरू हुई कि सरकार अब विधानसभा चुनाव के बाद एमएलसी चुनाव कराने के मूड में है। सरकार में बैठे अधिकारियों ने फीड बैक दिया था कि अगर परिणाम अनुकूल नहीं रहे तो इसका असर विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। इसलिए विधानसभा चुनाव के बाद ही इसे कराया जाए तो अच्छा रहेगा। मगर पिछले दिनों लखनऊ आए भाजपा के गृहमंत्री अमित शाह के सामने एमएलसी चुनाव के संबंध में संगठन एवं सरकार के साथ चर्चा हुई। भाजपा इस नतीजे पर पहुंची कि हम लोग यह चुनाव दिसंबर तक करा लें।अब संभावना जाहिर की जा रही है कि आयोग दिसंबर के प्रथम सप्ताह में आचार संहिता लागू कर सकता है। और 15 दिन के भीतर चुनाव करा लिए जाएंगे। क्योंकि स्थानीय विधान परिषद के चुनाव में वोटर ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य एवं निकायों के सभासद होते हैं। इसलिए कोई अतिरिक्त वोटर भी नहीं बढ़ाने पड़ेंगे। उधर एमएलसी चंचल के सामने अभी तक सपा में कोई मजबूत उम्मीदवार सामने नहीं दिखाई दे रहा है। वैसे कार्यकतार्ओं की मांग है कि जंगीपुर विधायक डा. वीरेंद्र, पूर्व मंत्री के साथ ही पूर्व सांसद अपने परिवार के किसी भी सदस्य को मैदान में उतारें। तभी चंचल को टक्कर दी जा सकती है। वैसे पूर्व प्रत्याशी रहे डा. सानंद सिंह के समर्थक चाहते हैं कि वह चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी समस्या भितरघात की है। इससे पूर्व भी उनके साथ जबदस्त भितरघात अपनों ने ही किया था। वह गुट सपा में आज भी पूर्व से अधिक प्रभावशाली है।