वाराणसी। इन विट्रो फर्टिलाइजेशन ट्रीटमेंट के नाम पर 53 महिलाओं के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले में दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मनिका खन्ना के खिलाफ कैंट थाने में बुधवार रात केस दर्ज किया गया है। यह मुकदमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को की गई शिकायत के आधार पर कैंट थाने की पुलिस ने दर्ज किया है। आरोप है कि प्रति महिला औसतन ढाई से तीन लाख रुपए वसूलने के बाद भी कोई मां नहीं बन सकी। कैंट थाने की पुलिस ने मुकदमे की जांच शुरू कर दी है।
बीके सिंह की तहरीर पर केस दर्ज: आवास विकास कॉलोनी निवासी बीके सिंह की तहरीर के आधार पर डॉ. मनिका खन्ना के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। बीके सिंह ने गुरुवार को बताया कि डॉ. मनिका दिल्ली की एक प्रतिष्ठित स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। दिल्ली के साथ ही देश में कई जगह उनके कश्ऋ सेंटर हैं। वाराणसी में भी डॉ. मनिका का पांडेयपुर क्षेत्र में गौडियम आईवीएफ सेंटर है। अक्टूबर 2019 में अलग-अलग शहरों से तकरीबन 53 लोग बच्चे की आस में अपने घर की महिला को गौडियम आईवीएफ सेंटर में ले आए। लेकिन, किसी भी महिला की बच्चे की आस पूरी नहीं हुई और सभी का आईवीएफ ट्रीटमेंट फेल हो गया। इस संबंध में जब डॉ. मनिका से बात की गई तो उनका कहना था कि मेरे पास ऐसी मशीन नहीं है कि इधर से मैटेरियल डालें और उधर से बच्चा निकल जाए।
किसी मरीज के इलाज का रिकॉर्ड नहीं था: बीके सिंह ने बताया कि हम सभी लोगों ने डॉ. मनिका से अपने-अपने मरीजों के इलाज का रिकॉर्ड मांगा तो पता लगा कि किसी की कोई फाइल ही नहीं बनी है। डॉ. मनिका के आईवीएफ ट्रीटमेंट सेंटर के बारे में गहराई से पता करने पर सामने आया कि वहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मानक के अनुरूप कोई प्रशिक्षित स्टाफ भी नहीं है। हम सभी अपने साथ हुए अन्याय के विरोध में आवाज उठाने लगे तो पता लगा कि डॉ. मनिका खन्ना ने 22 सितंबर 2021 को पांडेयपुर स्थित अपना आईवीएफ ट्रीटमेंट सेंटर ही बंद कर दिया है। इस तरह से दो सालों से ज्यादा समय तक हम सभी का शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण होने के साथ ही हमारा लंबा समय बर्बाद हुआ।