बलबीर सिंह सीनियर को भारत रत्न देने की मांग


नई दिल्ली। पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने केंद्र सरकार से तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान बलबीर सिंह सीनियर को भारत रत्न देने की मांग की है।

बलबीर का जन्म पंजाब के हरिपुर खालसा गांव में हुआ था। बलबीर का लंबी बीमारी के बाद सोमवार सुबह मोहाली में निधन हो गया। वह 96 वर्ष के थे। बलबीर ने 1948 के लंदन ओलंपिक, 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक और 1956 के मेलबोर्न ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। मेलबोर्न में वह भारतीय टीम के कप्तान थे।

पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने हॉकी लीज़ेंड को देश के महानतम हॉकी खिलाड़ियों में से एक बताते हुये उनकी उपलब्धियों के लिये केंद्र सरकार से उन्हें भारत रत्न देने की भी मांग की है। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी को पत्र लिखकर बलबीर को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की थी। उल्लेखनीय है कि बलबीर देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री पाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे।

1975 की हॉकी विश्वकप विजेता टीम के कप्तान अजीत पाल सिंह ने भी बलबीर को भारत रत्न देने की मांग की है । बलबीर 1975 की विजेता टीम के मैनेजर थे। अजीत पाल ने कहा कि जब सचिन को भारत रत्न मिल सकता है, तो मेजर ध्यानचंद और बलबीर सिंह को भी देश का सबसे बड़ा सम्मान मिलना चाहिए। यह दोनों ऐसे समय में खेले, जब खेलों में बहुत ज्यादा पैसा नहीं था। इन्हें शाबासी के अलावा कुछ नहीं मिला। बलबीर सिंह को मरणोपरांत ही सही, अगर यह सम्मान मिलता है तो देश की ओर से उन्हें इससे अच्छी श्रद्धांजलि नहीं हो सकती।