डिजिटल पत्रकारिता ही है वैकल्पिक पत्रकारिता


वाराणसी(काशीवार्ता)। स्कूल आॅफ मैनेजमेंट साइंसेज में हिंदी पत्रकारिता दिवस पर संवाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय ‘डजिटल दौर में पत्रकारिता चुनौतियां व संभावनाएं था। इस अवसर मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार विश्वनाथ गोकर्ण व प्रदीप कुमार मौजूद रहे। अतिथियों का स्वागत करते हुए स्कूल आॅफ मैनेजमेंट साइंसेज के निदेशक प्रो. पी.एन. झा ने कहा कि 30 मई का दिन ऐतिहासिक है। पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने पहले हिंदी भाषी अखबार उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन तो किया ही साथ ही साथ देश की स्वतंत्रता संग्राम में संचार माध्यम की भूमिका की ऐसी लौ जगाई जिससे प्रेरणा लेकर तमाम स्वतंत्रता सेनानियों ने समाचार पत्र-पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया। डिजिटल दौर की पत्रकारिता की चर्चा करते हुए प्रो० झा ने कहा कि आज सूचना प्राप्त करना सबसे सरल है लेकिन सूचना की विश्वसनीयता का विश्लेषण करना उतना ही दुरूह होता जाता जा रहा है। मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार विश्वनाथ गोकर्ण ने कहा कि सूचना क्रान्ति के इस दौर में डिजिटल पत्रकारिता के सामने सबसे बड़ी चुनौती भाषा के अनुशासन को बनाये रखने का है। मुख्य वक्ता प्रदीप कुमार ने डिजिटल पत्रकारिता को वैकल्पिक पत्रकारिता की संज्ञा देते हुए कहा कि अब पत्रकारिता बाह्य नियंत्रण से मुक्त हो रही है। कार्यक्रम में अतिथियों का विद्यार्थियों से संवाद सत्र भी रखा गया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. संदीप सिंह, एवं संचालन डॉ ईशान त्रिपाठी ने किया।