अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की चौंकाने वाली ख़बर को आए तीन दिन हो गए हैं. तब से ही राष्ट्रपति अस्पताल में भर्ती हैं और उनके वरिष्ठ अधिकारियों और सहयोगियों के भी पॉज़िटिव निकलने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है.
मौजूदा हालात में ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब मिलने अभी बाक़ी हैं. इन सवालों का क्या जवाब आता है उनसे ही यह समझ भी बनेगी कि इस वायरस का राष्ट्रपति पर कितना असर हुआ है और कितना असर होगा.
लेकिन साथ ही उनकी प्रतिष्ठा और राजनीतिक हैसियत पर भी इसके असर का पता चलेगा.
आख़िरी बार ट्रंप कब नेगेटिव आए थे?
व्हाइट हाउस को ट्रंप के कोविड-19 से संक्रमित होने के बारे में पता चलने तक की टाइमलाइन बेहद अहम है.
शनिवार और रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई दफ़ा व्हाइट हाउस की मेडिकल टीम से इस बारे में पूछा गया. लेकिन, उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि राष्ट्रपति आख़िरी बार कब वायरस के टैस्ट में नेगेटिव आए थे.
व्हाइट हाउस का इस बारे में आधिकारिक रुख़ यह रहा है कि गुरुवार की शाम राष्ट्रपति को अपनी तबीयत ठीक नहीं लगी. वह टेस्ट में पॉज़िटिव पाए गए और देर रात को किए गए ट्वीट में इसका ऐलान कर दिया गया था.
वॉल स्ट्रीट जर्नल अख़बार के मुताबिक़, एक रैपिड टेस्ट से राष्ट्रपति ट्रंप के पॉज़िटिव आने के बारे में उनके फ़ॉक्स न्यूज़ के साथ एक लाइव फ़ोन इंटरव्यू करने के पहले ही पता चल गया था.
उन्होंने तब तक ट्वीट नहीं किया जब तक कि एक दूसरे टेस्ट में इसकी पुष्टि नहीं हो गई जो कि कहीं ज़्यादा सटीक टेस्टिंग प्रक्रिया के ज़रिए किया गया था.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केली मैकएनानी ने रविवार रात को पत्रकारों को बताया, “मैं आपको इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दे सकती कि राष्ट्रपति का कब-कब टेस्ट हुआ. उनका नियमित टेस्ट होता रहा है और बेडमिंस्टर से लौटने के बाद पहली बार वे पॉज़िटिव पाए गए हैं.”
बेडमिंस्टर उनका न्यूजर्सी का गोल्फ़ क्लब है जहां वे गुरुवार को फ़ंड जुटाने के एक कार्यक्रम में शरीक हुए थे.
मामले को और जटिल बनाते हुए शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान व्हाइट हाउस के डॉक्टर शॉन कॉनली ने कहा कि राष्ट्रपति का रिजल्ट “72 घंटे पहले” आ गया था. जिसका मतलब यह है कि ऐसा बुधवार को हुआ था. जो कि राष्ट्रपति की मिनेसोटा की उस रात की ट्रिप और उसके बाद गुरुवार के दौरे से पहले हुआ था.
व्हाइट हाउस ने इसके बाद एक बयान जारी कर कहा कि “डॉक्टर ग़लत बोल गए हैं” और उनका मतलब यह था कि राष्ट्रपति इस बीमारी की चपेट में “तीन दिनों” से हैं.
ऐसे में उनका कब टेस्ट हुआ और कब रिज़ल्ट आया इस बारे में सटीक टाइमलाइन का पता चलने से यह स्पष्ट हो सकता है कि क्या व्हाइट हाउस या ख़ुद राष्ट्रपति ने अपनी तबीयत के बारे में तथ्य छिपाने की कोशिश की थी.
सीएनएन के डॉ संजय गुप्ता जैसे मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि शुक्रवार को जिस तरह से राष्ट्रपति के स्वास्थ्य में गिरावट आई, उससे यह संकेत मिल सकता है कि राष्ट्रपति शायद कहीं पहले इस वायरस की चपेट में आ चुके थे.
अगर ऐसा है तो यह स्वाभाविक सवाल पैदा होता है कि राष्ट्रपति को कब और क्या पता था.
क्या हमें उनके स्वास्थ्य के बारे में सभी तथ्य पता हैं?
व्हाइट हाउस और मेडिकल टीम ने ट्रंप की वास्तविक स्वास्थ्य स्थिति को लेकर पारदर्शी रवैया नहीं अपनाया है.
शुक्रवार को पत्रकारों को बताया गया कि राष्ट्रपति के लक्षण “हल्के” हैं लेकिन हमें पता चला है कि शुक्रवार को उन्हें तेज़ बुख़ार था और उन्हें सांस लेने में इतनी दिक़्क़त हो रही थी कि उन्हें ऑक्सीजन का सपोर्ट लेना पड़ा.
शनिवार को डॉक्टर कॉनली ने पत्रकारों को बताया कि राष्ट्रपति काफ़ी बेहतर स्थिति में हैं और मेडिकल टीम उनकी प्रगति को लेकर काफ़ी ख़ुश है.
इसके तुरंत बाद चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ मार्क मीडोज ने पत्रकारों को बताया कि राष्ट्रपति की हालत “बेहद चिंताजनक” है और वे “रिकवरी के एक स्पष्ट रास्ते पर नहीं हैं.”
रविवार को डॉक्टर कॉनली ने बयानों में मौजूद इस विरोधाभास को समझाने की कोशिश की. उन्होंने कहा, “मैं ऐसी कोई जानकारी नहीं देना चाहता था जिससे बीमारी को लेकर चीज़ें दूसरी दिशा में चली जाएं.”
कई ऐसी भी असामान्य चीज़ें हुई हैं जिनसे पता चलता है कि मेडिकल टीम राष्ट्रपति के स्वास्थ्य को लेकर ज़्यादा ईमानदार नहीं रही है.
मिसाल के तौर पर, रविवार को डॉक्टर कॉनली ने कहा कि एंटीवायरल कॉकटेल लेने के अलावा राष्ट्रपति को डेक्सामीथेसोन भी दिया गया है. यह एक स्टेरॉयड है जो कि आमतौर पर गंभीर कोविड-19 मामलों में दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि शनिवार को राष्ट्रपति के ख़ून में ऑक्सीजन स्तर फिर से कम हो गया था, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि यह स्तर कितना पहुँच गया था.
अपनी उम्र और मेडिकल हिस्ट्री के चलते राष्ट्रपति कोरोना वायरस से पैदा होने वाली जटिलताओं के लिए ज़्यादा जोख़िम वाले दायरे में आते हैं.
ऐसे में यह आश्चर्यजनक नहीं है कि डॉक्टर उन्हें ठीक करने के लिए एक आक्रामक इलाज का सहारा ले रहे हैं. लेकिन, अलग-अलग तथ्यों पर शिफ़्ट होना और बयानों में अंतर से लोगों के भरोसे में कमी आ सकती है.
क्या माइक पेंस को आइसोलेट होना चाहिए?
दूसरी तरफ़, उपराष्ट्रपति माइक पेंस अभी तक क्वारंटीन में नहीं गए हैं जबकि इस बात की बड़ी आशंका है कि वे भी वायरस की चपेट में आ चुके होंगे. ट्रंप के साथ कुछ भी होने की स्थिति में राष्ट्रपति का दायित्व संभालने की क़तार में माइक सबसे ऊपर हैं.
पेंस और उनकी पत्नी केरेन के टेस्ट नतीजे रविवार को नेगेटिव आए हैं. यह इस हफ़्ते उनकी तीसरी नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट है. हालांकि, वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड 14 दिन तक का हो सकता है, ऐसे में टेस्ट से फ़िलहाल इस बात की गारंटी नहीं मिलती कि उपराष्ट्रपति संक्रमित नहीं हुए होंगे.
महीनों से ट्रंप कई बार आम लोगों के बीच पहुँचे हैं और मास्क पहनने की ज़रूरत को नकारते नज़र आए हैं. इस तरह से वे अपने भाग्य को आज़माते भी दिखाई दिए हैं और आख़िरकार वे इस वायरस की चपेट में आ ही गए.
इस हफ़्ते पेंस के कैंपेन जारी रखने की योजना से साफ़ दिख रहा है कि इस वायरस को लेकर जो सबक़ अब तक सीख लिया जाना चाहिए था, वह अभी भी सीखा नहीं गया है.
ट्रंप के कैंपेन के वरिष्ठ सलाहकार जेसन मिलर ने रविवार को कहा है कि पेंस “राष्ट्रपति के परिवार की तरह ही एक बेहद आक्रामक शेड्यूल पर रहेंगे.”
एनबीसी न्यूज़ के “मीट द प्रेस” इंटरव्यू में उन्होंने ज़ोर दिया कि उन्हें इसे लेकर “कोई चिंता नहीं” है.
वे कॉन्टैक्ट ट्रेस को लेकर इतने सुस्त क्यों हैं?
गुज़रे नौ महीनों में यह साबित हुआ है कि वायरस अपने ख़ुद के हिसाब से चलता है और यह तब सबसे ज़्यादा ख़तरनाक हो जाता है जब लोग, समाज या सरकारें इसे लेकर ढील बरतने लगते हैं.
26 सितंबर को ट्रंप के सुप्रीम कोर्ट के लिए एमी कोनी बैरेट के नाम के ऐलान का कार्यक्रम इसी का एक उदाहरण है. रोज़ गार्डन में यह कार्यक्रम हुआ और इसके बाद एक इंडोर रिसेप्शन भी हुआ. इस कार्यक्रम को एक सुपर-स्प्रेडर के तौर पर माना जा रहा है.
वीडियो से पता चलता है कि इसमें शरीक हुए लोग बिना मास्क पहने बातचीत कर रहे हैं और एक-दूसरे को गले लगा रहे हैं.
राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के साथ ही कम से कम पाँच लोग पहली क़तार में उपराष्ट्रपति पेंस के क़रीब बैठे थे और ये लोग टेस्ट में पॉज़िटिव पाए गए.
पिछले हफ़्ते रविवार, सोमवार और मंगलवार को राष्ट्रपति ने पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडन के साथ मंगलवार की अपनी डिबेट की तैयारियों को लेकर लंबी इंडोर मीटिंग्स कीं.
इन बैठकों में मौजूद चार लोग- राष्ट्रपति, कैंपेन मैनेजर बिल स्टेपिएन, न्यू जर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी और एडवाइज़र होप हिक्स पॉज़िटिव पाए गए हैं.
इन सबके बावजूद प्रशासन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग प्रोग्राम चलाने को लेकर ढुलमुल रवैया अपनाता नज़र आ रहा है.
वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक़, इन कार्यक्रमों में मौजूद कई लोगों तक अभी भी स्वास्थ्य अधिकारी नहीं पहुँचे हैं. व्हाइट हाउस के कर्मचारियों को भी ख़ुद को आइसोलेट करने के कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं.
हर गुज़रते दिन के साथ सरकारी अधिकारियों का पॉज़िटिव निकलना जारी है. एक ऐसे देश में जहां अब तक दो लाख से ज़्यादा लोग इस वायरस से मर चुके हैं वहां पर वॉशिंगटन में सत्ता का गलियारा इसका नया हॉटस्पॉट बनता नज़र आ रहा है.