मोदी के रुख से बौखलाया ड्रैगन


नई दिल्ली। ना तो कोई भारतीय सीमा में घुसा है और ना ही कोई भारतीय पोस्ट किसी के कब्जे में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान से ड्रैगन बौखला गया है। शुक्रवार को पीएम मोदी ने भारत-चीन सीमा विवाद और गलवन घाटी हिंसा को लेकर देश को संबोधित किया था। इसके बाद से चीन ने गलवन घाटी पर तेवर सख्त कर लिए हैं। चीन ने भी शनिवार सुबह अप्रत्याशित तौर पर एक लंबा बयान जारी कर सारा दोष भारत पर मढ़ने का प्रयास किया है। चीन ने जारी बयान में पूरी गलवान घाटी पर अपने दावे को मजबूती से रखा है। इतना ही नहीं हाल में पूर्वी लद्दाख सीमा पर हुए विवाद के लिए भी पूरी तरह से भारत को ही दोषी ठहरा दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियान झाओ ने सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी किया है। चीनी प्रवक्ता ने ये दिखाने का प्रयास किया है कि भारत अपनी गलती मान गया है और वह अपने सैनिक पीछे कर रहा है। चीनी दावों के विपरीत सच्चाई ये है कि भारतीय सेनाओं ने चीन सीमा से लगे अग्रिम मोर्चों पर तैनाती बढ़ा दी है।
चीनी प्रवक्ता ने झूठे दावे करते हुए लिखा है कि गलवन घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी साइड में स्थित है। कई वर्षों से यहां पर चीन की सेना पेट्रोलिंग करती रही है। अप्रैल से भारतीय बार्डर सैन्य बलों ने वहां मनमाने तरीके से सड़क, पुल और दूसरी सुविधाओं का निर्माण शुरू किया। चीन ने कई मौकों पर इसका विरोध किया, लेकिन भारत ने इस पर ध्यान नहीं देते हुए एलएसी के आगे तक निर्माण काम कर चीन को भड़काने की कोशिश की। 6 मई, 2020 को भारतीय सैन्य बलों ने एलएसी को क्रास किया। चीन के क्षेत्र में प्रवेश किया और बैरिकेड आदि का निर्माण शुरू कर दिया। भारतीय सैन्य बल जान बूझकर यथास्थिति को बदल रहे थे और सीमा नियंत्रण व प्रबंधन की जो व्यवस्था थी, उसे बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। चीन ने अपनी तरफ से हालात को देखते हुए कदम उठाये।