वाराणसी(काशीवार्ता)। आज अगर पाइप की बात होती है तो सबसे पहला नाम आता है ड्यूरो पाइप का। हाल के वर्षों में इस कंपनी ने जिस तेजी से मार्केट में अपनी धमक दिखाई है वो ऐसे ही नहीं। इसके पीछे इसके अधिष्ठाता रमेश अग्रवाल की कठिन मेहनत है। उन्होंने महज 14 वर्ष की आयु में ही बिजनेस की बारीकिया सीखनी शुरू कर दी थी। हालांकि यह उम्र तो खेलने और पढने की होती है, लेकिन रमेश अग्रवाल का तो लक्ष्य उसी वक्त से तय था। महमूरगंज(सिगरा) के रहने वाले इस शख्स ने किराए की जगह से अपने बिजनेस की शुरूआत की। बाद में आपके पुत्र विकास और अंकित ने पिता का हाथ बंटाना शुरू किया। फिर क्या था, देखते ही देखते बिजनेस को मानो पंख लग गये। ड्यूरो कंपनी की स्थापना वर्ष 1992 में हुई। तब यह 3000 वर्ग फीट की जगह में शुरू हुआ। लेकिन आज कंपनी 150000 वर्ग फीट में पाइप का निर्माण कर रही है। दरअसल, लक्ष्य पहले से तय हो तो उसे हासिल करना बहुत मुश्किल नहीं होता। यहां भी कुछ ऐसा ही था। बड़े बेटे विकास अपनी पढ़ाई के दौरान ही बिजनेस के तौर तरीके समझने लगे थे, तथा वर्ष 2000 में वे इस व्यवसाय से पूरी तरह जुड़ गए। वहीं अंकित ने भी अपनी शिक्षा पूरी कर कंपनी के क्वालिटी, प्रोडक्शन, इंप्रूवमेंट, ह्यूमन रिसोर्सिंग, प्रोडक्ट एनालिसिस पर फोकस किया। विकास ने कंपनी की फाइनेंस, मार्केटिंग, एडमिनिस्ट्रेशन, डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क की जिÞम्मेदारी संभाली। दोनों ने बखूबी अपने अपने कार्यों को अंजाम दिया। नतीजा आज सबके सामने है। देखा जाये तो इनकी सफलता के पीछे एक बड़ा कारण और भी है, वो ड्यूरो पाइप की गुणवत्ता। इंडस्ट्रीज में शुरू से इसपर ध्यान दिया। यही नहीं समय समय पर ग्राहकों के बीच जाकर बोरिंग से जुड़ी बारीकियों से उन्हें अवगत कराया, ताकि ग्राहक भ्रमित न हो। इसके लिए ड्यूरो कार्यालय में एक हेल्प डेस्क बनाया गया है, जो बोरिंग का नि:शुल्क परामर्श देता है। विकास अग्रवाल ने बताया कि उनकी कंपनी प्रकृति का संतुलन बनाये रखने के लिए जल संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम के अलावा समय समय पर वृक्षारोपण में भी बढ़ चढ़ कर अपनी हिस्सेदारी करता है।
छोटी जगह में शुरू हुई कंपनी की धमक से आज सभी हैरान