टैटू के जरिए देखें किसान आंदोलन के रंग, फसल-ट्रैक्टर से लेकर पंजाब के नक्शे वाले टैटूज की डिमांड


दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसानों का प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शन के दौरान यहां तरह-तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में पंजाब से आए टैटू आर्टिस्ट का एक ग्रुप लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. इस ग्रुप का नाम है ‘क्रेजी टैटू क्लब.’ इस ग्रुप के टैटू आर्टिस्ट किसान आंदोलन में शामिल लोगों को फ्री में टैटू बनाकर दे रहे हैं, जिसके चलते इस स्टॉल पर युवा किसान आंदोलनकारियों की भीड़ सबसे ज़्यादा है.

न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए टैटू आर्टिस्ट रवींद्र सिंह कहते हैं कि इसके पीछे का मकसद सिर्फ इतना है कि किसान हमारे जरिए कुछ यादें लेकर जाएं. रवींद्र ने कहा, “मैं लुधियाना से आया हूं और हम किसानों के लिए टैटू बना रहे हैं. इसके पीछे का विचार प्रोटेस्ट के लिए प्रेरित करना है. हमारे पास शेर, ट्रैक्टर, फसल, किसान, पंजाब का नक्शा और कई मोटिवेशनल टैटू बनाए जाते हैं. हमने अब तक 30 से अधिक टैटू बनाए हैं.”

रवींद्र आगे कहते हैं कि, ‘कुछ तभी संभव है जब युवा इस प्रदर्शन में शामिल होंगे. हमें लगता है कि टैटू के माध्यम से युवा आंदोलन में शामिल हो सकते हैं. हमें अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी मैसेज मिल रहे हैं.’

इन टैटूओं में पंजाब का नक्शा, शेर का सिर, फसलों की कटाई के चित्र, खेत के उपकरण, ट्रैक्टर आदि डिजाइन शामिल है. ‘कर हर मर्दन फतेह’ और ‘निश्चय कर अपनी जीत करो’ जैसे नारे लिखे जा रहे हैं. एक टैटू को बनवाने की कीमत 3500 से 5 हजार के बीच है. लेकिन ये लोग इन्हें मुफ़्त में बना रहे हैं.

बता दें कि क्रेजी टैटू ग्रुप में शामिल लोग दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर शुक्रवार की सुबह पहुंचे थे. वो अपने साथ टैटू मशीन, निडल्स और स्टेंसिल्स आदि लाए थे. लेकिन अब वो फिर से वापस जाएंगे, क्योंकि उनके पास इतने लोग टैटू बनवाने आ रहे हैं कि अब उन्हें और अधिक सामान के साथ वापस आना होगा. उनका कहना है कि हर कोई अपने-अपने तरीके से इस किसान आंदोलन में अपनी सेवा दे रहा है, हम भी वही कर रहे हैं.

हरविंदर सिंह जो कई दिनों से आंदोलन स्थल पर मौजूद थे, जब उनके हाथ पर पंजाब के नक्शे का एक टैटू बना तो वो काफी उत्साहित दिखे. हरविंदर ने कहा कि ‘हम भारत से प्यार करते हैं लेकिन हमारा जन्म स्थान (पंजाब) के साथ विशेष स्नेह है. जब हम अपने घर वापस लौटेंगे, तो यह टैटू मुझे इस आंदोलन के बारे में याद दिलाएगा.’