असम: आखिरी चरण के चुनाव से पहले गरजे PM मोदी, सेक्यूलरिज्म-कम्यूनिज्म के खेल से देश का नुकसान


तामुलपुर। असम में आखिरी दौर के चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तामुलपुर में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि दो चरणों की वोटिंग के बाद आज तामूलपुर में आपके दर्शन करने का मुझे अवसर मिला है। इन दोनों चरणों के बाद असम में फिर एक बार एनडीए सरकार ये लोगों ने तय कर लिया है। मोदी ने कहा कि असम की पहचान का बार-बार अपमान करने वाले लोग यहां की जनता को बर्दाश्त नहीं हैं। असम को दशकों तक हिंसा और अस्थिरता देने वाले अब असम के लोगों को अब एक पल भी स्वीकार नहीं हैं। असम के लोग विकास, स्थिरता, शांति, भाईचारा, सद्भावना के साथ हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार असम की विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मेरे राजनीतिक अनुभव के आधार पर, जनता के प्यार की भाषा, जनता के आशीर्वाद की ताकत पर मैं कहता हूं कि असम में एक बार फिर आप लोगों ने एनडीए सरकार बनाना तय कर लिया है। एनडीए की डबल इंजन सरकार ने पिछले 5 वर्षों में असम के लोगों को दोहरा लाभ दिया है। विकास हो रहा है, कनेक्टिविटी में सुधार हो रहा है, जिससे महिलाओं का जीवन आसान हो रहा है और नौजवानों के लिए अवसर बढ़ रहे हैं। हम जब भी कोई योजना बनाते हैं, तो सबके लिए बनाते हैं। हर क्षेत्र के लोगों को, हर वर्ग के लोगों तक, बिना भेदभाव, बिना पक्षपात उस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए हम कड़ी मेहनत करते हैं। हमारा तो मंत्र है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास है। 

मोदी ने कहा कि देश में कुछ बातें ऐसी गलत चल रही हैं। अगर हम समाज में भेदभाव करके, समाज के टुकड़े करके अपने वोटबैंक के लिए कुछ दे दें, तो दुर्भाग्य देखिए, उसे देश में सेक्युलरिज्म कहा जाता है। लेकिन अगर सबके लिए काम करें, बिना भेदभाव के सबको देते हैं, तो कहते हैं कि ये कम्युनल हैं। सेक्यूलरिज्म-कम्यूनिज्म के इस खेल ने देश का बहुत नुकसान किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम परिश्रम करने वाले लोग हैं, समाज की सेवा के लिए दिन-रात एक करने वाले लोग हैं, विकास के लिए ईमानदारी से काम करने वाले लोग हैं। असम के लोग आज देख रहे हैं कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास हमारी नीति में भी है और नीयत में भी है। गरीबों को पक्का घर मिल रहा है, तो हर वर्ग, हर जनजाति के गरीबों को मिल रहा है। शौचालय मिला, तो भी बिना भेदभाव के सभी को मिला। गैस कनेक्शन मिला, तो बिना भेदभाव के सभी को मिला।

उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार मानती है कि किसी भी क्षेत्र के लोगों का विकास भेदभाव से नहीं, सद्भाव से होता है। इसी सद्भावना का परिणाम है कि लंबे इंतज़ार के बाद ऐतिहासिक बोडो अकॉर्ड तक हम पहुंच पाए। अनेक माताओं के आंसू पोंछने, अनेक बहनों की पीड़ा को दूर करने के लिए हम सभी ने मिलकर प्रयास किया। पहली बार एक सरकार 100 जिलों पर काम कर रही है जो ‘एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स’ कार्यक्रम के तहत विकास की दौड़ में पीछे रह गए थे। ये जिले अब विकास के इच्छुक हैं और असम के 7 जिले इस कार्यक्रम के तहत हैं। मोदी ने कहा कि मैं यहां की माताओं-बहनों को विश्वास दिलाता हूं कि आपके बेटे के सपने पूरे करने के लिए हम लगे रहेंगे। आपके बच्चों को बंदूक न उठानी पड़े, उन्हें जंगलों में जिंदगी न गुजारनी पड़े, उन्हें किसी की गोली का शिकार न होना पड़े, इसके लिए एनडीए सरकार प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जिस तरह से हमने लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को हल किया है, हम वर्तमान समस्याओं के समाधान खोजना जारी रखेंगे। असम में पर्यटन और रोजगार की बहुत गुंजाइश है। यहां के चाय बागान में काम करने वाले साथियों को भी कांग्रेस ने लंबे समय तक मुसीबत में, अभाव में रखा था। चाय बागान में काम करने वाले लोगों के लिए सबसे ज्यादा काम एनडीए सरकार ने ही किया है। मोदी ने कहा कि मेरा उन युवा साथियों से विशेष आग्रह है जो पहली बार वोट डालने जा रहे हैं। देश की आजादी के 75वें वर्ष का पर्व मनाते हुए आप जो वोट डालेंगे, वो इस बात को भी तय करेगा कि जब हम आजादी के 100 वर्ष मनाएंगे, तो असम कितना आगे होगा। भाजपा के संकल्प पत्र में इसके लिए स्पष्ट रोडमैप है।

उन्होंने कांग्रेस के महाजोत गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने समय में असम को हिंसा, बम-बंदूक का लंबा दौर दिया। वहीं एनडीए सरकार असम के हर साथी को साथ लेकर शांति और समृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। ऐसे में अब महाजोत के महाझूठ को आपको सिरे से नकारते चलना है। जिस तरह पहले दो चरणों में आपने बीजेपी की, एनडीए की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर विजय सुनिश्चित की है, वैसे ही आपको तीसरे चरण में भी करना है। मोदी ने कहा कि मैंने सुना कल कुछ लोगों ने घोषणा कर दी है, उसमें उन्होंने मान लिया है कि वो चुनाव हार चुके हैं। अगली सरकार कैसी बनेगी, सरकार के लोगों ने क्या पहना होगा, वो कैसे दिखते होंगे, इसका उन्होंने वर्णन किया है। इससे बड़ा असम की संस्कृति का अपमान नहीं हो सकता है। अभी से 5 साल बाद असम को कब्जा करने की व्यूहरचना चौंकाने वाली बात है।