नई दिल्ली। साल 1975 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल की आज बरसी है। आपातकाल को भारत के इतिहास में काले दिनों के तौर पर याद किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी की 46वीं बरसी पर उन काले दिनों को याद किया और कांग्रेस पर जमकर बोला। उन्होंने आपातकाल के दौरान भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करने वाले देशवासियों को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र को कुचल दिया था। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस ने हमारे लोकतंत्र को कुचल दिया था। हम उन सभी महान व्यक्तियों को याद करते हैं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की। आपातकाल के काले दिनों को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता। वर्ष 1975 से 1977 की अवधि इस बात की गवाह है कि संस्थानों को किस तरह से ध्वस्त किया गया। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि आइये हम भारत के लोकतंत्र की भावना को मजबूत बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का संकल्प लें और हमारे संविधान में निहित मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करें।
लोकतंत्र की हत्या हुई थी आज ही के दिन: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल के दौरान संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले देशवासियों के त्याग और बलिदान को नमन किया है। शाह ने 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाये जाने का उल्लेख करते हुए शुक्रवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि 21 महीनों तक निर्दयी शासन की क्रूर यातनाएं सहते हुए देश के संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले सभी देशवासियों के त्याग व बलिदान को नमन। एक अन्य ट्वीट में कहा कि 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अंहकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी। असंख्य सत्याग्रहियों को रातों रात जेल की कालकोठरी में कैदकर प्रेस पर ताले जड़ दिए। नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनकर संसद व न्यायालय को मूकदर्शक बना दिया। एक परिवार के विरोध में उठने वाले स्वरों को कुचलने के लिए थोपा गया आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है।
आपातकाल लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय: राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय करार देते हुए कहा कि वह दौर अभी भी लोगों की स्मृतियों में ताजा है। सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में आपातकाल एक ‘काले अध्याय’ के रूप में जाना जाता है। देश की लोकतांत्रिक परम्पराओं पर कुठाराघात करने के लिए जिस तरह संविधान का दुरुपयोग हुआ उसे कभी भूला नहीं जा सकता। आज भी वह दौर हम सभी की स्मृतियों में ताजा है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि इस दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए देश में आंदोलन भी हुए और लोगों ने न जाने कितनी यातनाएं सही। उनके त्याग, साहस और संघर्ष को हम आज भी स्मरण करते हैं और प्रेरणा प्राप्त करते हैं। लोकतंत्र की रक्षा में जिन लोगों की भी भूमिका रही है, मैं उन सभी को नमन और अभिनंदन करता हूं।