(विशेष प्रतिनिधि)
वाराणसी (काशीवार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करखियाँव की जनसभा में कहां की काशी कि समस्या यह है कि शहर के बाहर तक तो लोग अपने वाहन से आसानी से पहुंच जाते हैं परंतु शहर में प्रवेश करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस निमित्त पहले चरण में मोहनसराय से लहरतारा तक सिक्स लेन व लहरतारा से कैंट तक फोरलेन सड़क के निर्माण का शिलान्यास किया। ताज्जुब है कि प्रधानमंत्री जब भी बनारस आते हैं तो उनके रूट पर ट्रैफिक रोक दी जाती है। फिर भी उन्हें शहर के ट्रैफिक की बदहाल व्यवस्था की बखूबी जानकारी है। देखा जाए तो किसी भी शहर की यातायात व्यवस्था उस शहर के ट्रैफिक विभाग, नगर निगम व पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आती है। केंद्र सरकार सिर्फ इसमें सहयोग करती है परंतु पिछले सालों में जितनी भी योजनाएं बनी वे सब केंद्र सरकार की देन है। चाहे वह बाबतपुर शिवपुर फोरलेन हो या फिर प्रस्तावित मोहनसराय सिक्स लेन। राज्य सरकार के विभाग पीडब्ल्यूडी ने राजघाट से लेकर चौकाघाट तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य प्रारंभ तो जरूर किया परंतु जगह-जगह अतिक्रमण के चलते कार्य अभी भी अधूरा है। इसी तरह डीएलडब्ल्यू चौराहे से चितईपुर होते एनएच-2 तक सड़क चौड़ीकरण किया गया परंतु निर्माण की गुणवत्ता अत्यंत घटिया है। किसी भी डिवाइडर पर न तो पेंट है ना ही रिफ्लेक्टर लगा है। फलस्वरुप रोज दुर्घटनाएं होती हैं। इस सड़क का जब तक महमूरगंज पुलिस चौकी तक चौड़ीकरण नहीं किया जाता शहर वासियों को इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा। देखा जाए तो शहर के सभी प्रमुख प्रवेश द्वारों की यही स्थिति है। गाजीपुर, आजमगढ़, इलाहाबाद, चंदौली व सोनभद्र जनपद से वाराणसी जुड़ा है। स्थिति यह है कि इन सभी जनपदों से वाराणसी की सीमा तक तो आसानी से पहुंचा जा सकता है किंतु सड़कों की वजह से शहर में समय व धन दोनों की बबार्दी होती है। पिछले 5 साल में इक्का-दुक्का फ्लाईओवर बने परंतु सड़कें चौड़ी नहीं हो पाई। कायदे से जिला प्रशासन को नगर निगम पीडब्ल्यूडी व ट्रैफिक विभाग से सलाह मशविरा कर सड़कों के चौड़ीकरण व नए फ्लाईओवर के निर्माण को पहल करनी चाहिए। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा। इससे शहर में जाम की स्थिति दिन प्रतिदिन विकट होती जा रही है।