जलजमाव के लिए जलकल जिम्मेदार-नगर स्वास्थ्य अधिकारी


(डा.के.के.शर्मा)
वाराणसी (काशीवार्ता)। हल्की बारिश में भी सड़कों पर होने वाले जलजमाव के पीछे जलकल की ध्वस्त सीवर सफाई व्यवस्था है जिससे बरसाती पानी की निकासी नहीं हो पाती। जहां तक गली पिटो की सफाई का मामला है तो उसका एक प्रमुख कारण सड़कों के बीच उनके धस जाने के कारण सफाई कार्य नहीं कराया जा सकता ।
यह जानकारी काशीवार्ता से अनौपचारिक बातचीत के दौरान नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने दी। शहर में होने वाले जलजमाव को लेकर जब उनसे पूछा गया तो उनका कहना था कि मेरे विभाग द्वारा नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया गया है। जलकल द्वारा सीवर सफाई का काम व्यापक रूप से नहीं करने के कारण सड़कों पर सीवर ओवरफ्लो करने लगते हैं। प्रश्न यह उठता है कि स्वास्थ्य विभाग तो अपना दावा पेश करता रहता है। तो शहर के कई नाले बरसात का पानी क्यों नहीं झेल पाते। ऐसा ही एक उदाहरण मंडुआडीह से मडोली मार्ग, फुलवरिया, सारनाथ पंचकोशी मार्ग पर देखा जा सकता है। जहां बरसात में भारी जल जमाव तो होता ही है अन्य दिनों में भी वहां पानी लगा देखा जा सकता है। शहर के मध्य में गुरुबाग, लक्सा, गोदौलिया, नई सड़क, मैदागिन, फातमान रोड, मलदहिया, भेलूपुर के रविंद्रपुरी कॉलोनी खोजवा, किरहिया सहित कई क्षेत्र हैं जहां जल जमाव होना एक आम बात हो गई है।
बरसाती पानी निकासी का एक माध्यम सड़कों के किनारे बने गली पिट होते हैं। जो गलियों के प्रवेश मार्ग पर बने होते हैं जिन्हें नगर स्वास्थ्य अधिकारी सड़कों के बीच धसा बताते है। वे मूलत: सीवर लाइनों पर बने मेन होल होते हैं। मजे की बात यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक वार्ड में 4 कर्मचारी गली पिटो की सफाई के लिए नियुक्त किए गए हैं, जिनका काम इनकी नित्य सफाई करना है। पूर्व के कार्यकाल में नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा बरसात के पूर्व प्रत्येक वार्ड में गली पिटो की सफाई का वृहद अभियान चलाया जाता था ।इससे फायदा यह होता था कि सड़कों व गलियों में जमा बरसाती पानी इन गली पिटो से निकल जाता था । आज यह बातें सपना बनकर रह गई है लिहाजा बरसात होते ही सड़कों गलियों में भारी पानी जमा हो जाता है। जिससे लोगों का राह चलना दुश्वार हो जाता है।