भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर इस वक्त तबाही मचा रही है. भारत इस वक्त कोरोना के कारण सबसे प्रभावित देश है और दुनिया में सबसे ज्यादा केस यहां पर ही आ रहे हैं. अप्रैल में जिस दूसरी लहर ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू किया, मई में वो और भी घातक हो गई है. मई के शुरुआती दिनों में ही कई दिन ऐसे बीते जहां कोरोना के कुल केस 4 लाख से ज्यादा हुए.
हालांकि, आज यानी सोमवार (10 मई) को कुछ केस कम आए हैं. लेकिन अगर बीते लंबे वक्त में आप कोरोना के आंकड़ों पर नज़र डालेंगे, तो अक्सर सोमवार को कोरोना के केस कुछ हदतक कम होते हैं. जिसके बाद मंगलवार और शुक्रवार होते-होते अचानक ही कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होती है. ऐसे में इसके पीछे क्या खास कारण हैं, वो जानिए…
सोमवार को कम क्यों होते हैं कोरोना के केस?
आपको बता दें कि देश में इस वक्त करीब ढाई हजार लैब हैं, जहां पर कोरोना के टेस्ट किए जा रहे हैं. कोरोना संकट काल की शुरुआत से अबतक देश में लगातार लैब्स की संख्या बढ़ रही है. औसतन भारत में मौजूदा तारीख में 17 से 19 लाख टेस्ट हर दिन किए जा रहे हैं, लेकिन सोमवार को कम मामले पीछे होने की वजह भी टेस्ट ही हैं.
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दरअसल, देश के अलग-अलग हिस्सों में अधिकतर सरकारी और प्राइवेट लैब रविवार को बंद रहती हैं. रविवार को सिर्फ चिन्हित लैब्स ही काम कर रही होती हैं, यही कारण है कि रविवार को टेस्ट कम होते हैं. अब अगर रविवार को टेस्ट की संख्या कम होती है, तो सोमवार को मामलों की संख्या भी काफी हद तक कम हो जाती है. आप पिछले पांच सोमवार के आंकड़ों से इसका अंदाज़ा लगा सकते हैं… (आंकड़े: स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR)
• 10 मई: 3,66,317 केस, 3,747 मौत (सोमवार)
• 9 मई: 14.74 लाख टेस्ट (रविवार)
• 3 मई: 3,68,147 टेस्ट, 3417 मौत
• 2 मई: 15 लाख टेस्ट
• 26 अप्रैल: 3,52,991 केस, 2812 मौत
• 25 अप्रैल: 14 लाख टेस्ट
• 19 अप्रैल: 2,73,810 केस, 1619 मौत
• 18 अप्रैल: 13.56 लाख टेस्ट
• 12 अप्रैल: 1,68,912 केस, 904 मौत
• 11 अप्रैल: 14 लाख टेस्ट
सोमवार के बाद बढ़ती है रफ्तार
आपको बता दें कि देश में इस वक्त एक हफ्ते में औसतन एक करोड़ टेस्ट किए जा रहे हैं. जिनमें RT-PCR और रैपिड एंटिजन टेस्ट दोनों ही शामिल हैं. सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार को सबसे अधिक टेस्ट किए जाते हैं. जबकि वीकेंड के वक्त छुट्टी के कारण इनकी संख्या कम हो जाती है. भारत में अभी औसतन हर रोज चार लाख के करीब कोरोना के मामले आ रहे हैं, जबकि कुल एक्टिव केस की संख्या अभी भी 30 लाख से अधिक पर बनी हुई है.