पूर्व चेयरमैन के खिलाफ कार्रवाई को सीएम से मिले गाजी


गाजीपुर (काशीवार्ता)। जिलाधिकारी एमपी सिंह की जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बाद भी शासन स्तर पर पूर्व नगर पालिका चेयरमैन विनोद अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर शिकायतकर्ता राजेंद्र कुमार गाजी ने सीएम योगी से मुलाकात की। उन्होंने सीएम को पत्रक सौंपते हुए कहा कि डीएम की जांच में भ्रष्टाचार का आरोप सिद्ध होने पर भी शासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। विनोद अग्रवाल भाजपा के चेयरमैन रहे हैं, उनकी पत्नी सरिता अग्रवाल वर्तमान चेयरमैन हैं। अपने रसूख के बूते उन्होंने बीते तीन माह से फाइल दबाकर रखी है। ऐसे नेता भाजपा की छवि को खराब कर रहे हैं। इस प्रकरण में कार्रवाई होने से ऐसे नेताओं की पोल खुलनी तय है। सीएम ने अपने अधिकारियों से तत्काल कहा कि गाजीपुर के प्रकरण की फाइल हमारे आवास पर भेजी जाए। सीएम के इतना कहते ही नगर की सियासत में भूचाल आ गया। अगर शासन कार्रवाई करता है तो अग्रवाल परिवार का सियासी भविष्य खतरे में पड़ना तय है।
राजेंद्र कुमार गाजी ने बताया कि 30 जून को डीएम ने पूर्व नगर पालिका चेयरमैन के खिलाफ 18 बिन्दुओं की जांच करके रिपोर्ट शासन को भेजी थी। एक माह से अधिक का वक्त गुजर जाने के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसको लेकर कई बार शिकायतकर्ता ने डीएम से लेकर सीएम को भी पत्र भेजा लेकिन कोई जानकारी नहीं हुई। डीएम ने अपने पत्र के जरिए गाजीपुर को बताया था कि जिन 18 बिन्दुओं की शिकायत की गई थी, वह जांच में सही पाया गया था। पालिका द्वारा बनी अधिकांश सड़कें समय से पहले टूट गईं। डस्टबिन खरीद घोटाले में चेयरमैन का नाम आया। बाजार मूल्य से अधिक डस्टबिन का भुगतान करने में भी चेयरमैन रहे विनोद अग्रवाल नहीं डरे थे। सबसे अधिक विनोद अग्रवाल ने आउट सोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति के नाम पर खेल किया। आउट सोर्सिंग में करोड़ों रुपए भुगतान हुए। इसमें नियमों की धज्जियां खूब उड़ाई थी। एक ही फर्म को बार बार ठेका दिया गया। सीएम योगी से मिलने के लिए उन्हें तीन दिन का वक्त लग गया। गाजी ने बताया कि सीएम योगी से बड़ी उम्मीद है।