वाराणसी(काशीवार्ता)। नगर के जाने माने चिकित्सक और शहर दक्षिणी के पूर्व विधायक डा. रजनीकांत दत्ता का बीती रात निधन हो गया। उनकी अवस्था लगभग 90 वर्ष थी। जानकारी के अनुसार सिगरा के संत रघुवर नगर कॉलोनी स्थित आवास पर देर रात वे शौचालय जाने के निकले परन्तु लड़खड़ा कर गिर पड़े। उनके पुत्र आशीष दत्ता उन्हें उठाने के लिये दौड़े लेकिन इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनके प्राण पखेरू उड़ गए और उन्हें बचाया न जा सका। सबेरे मणिकर्णिका घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि उनके सबसे छोटे पुत्र अमित दत्ता ने दी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में डॉ दत्ता के शुभचिंतक मौजूद थे। बीते 18 अगस्त को ही डॉ रजनीकांत दत्ता की पत्नी मधु दत्ता का 89 बर्ष की उम्र में निधन हुआ था। पत्नी के निधन के 11 दिन बाद ही डॉ दत्ता भी चल बसे। डा. दत्ता सन 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निधन के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर शहर दक्षिणी से चुनाव जीते थे। बांसफाटक पर उनकी क्लीनिक थी। पहले वे सकरकंद गली में पुश्तैनी मकान में रहते थे। लगभग डेढ़ दशक पूर्व उन्होंने उक्त मकान को बेच दिया और संत रघुवर नगर में मकान बनवाकर रहने लगे। भूतल पर पुत्रवधू डा. सपना दत्ता का डायग्नोस्टिक सेंटर था।
महज 5 माह में बिखर गया दत्ता परिवार
डा. रजनीकांत दत्ता के निधन के बाद सबकी जुबान पर एक ही बात है कि एक सभ्य और सुसंस्कृत परिवार को न जाने किसकी नजर लग गयी कि देखते ही देखते पूरा परिवार बिखर गया। हादसे की शुरूआत पिछले 19 अप्रैल को हुई जब कोरोना की दूसरी लहर ने डा. रजनीकांत के सबसे बड़े पुत्र और पैथोलॉजिस्ट डॉ अश्विनी दत्ता को लील लिया। इसके बाद तो घटनाओं का सिलसिला शुरू हो गया। पिछली 21 जुलाई को डा. रजनीकांत दत्ता की पुत्रवधू और जानी मानी कैंसर विशेषज्ञ डॉ सपना दत्ता को उनके देवर अनिल दत्ता ने सिगरा स्थित क्लीनिक में ही नृशंस तरीके से कैंची घोप कर मार डाला। डा. सपना दत्ता दूसरे नंबर के पुत्र डॉ अंजनी दत्ता की पत्नी थी। दोनों ने मेडिकल की पढ़ाई के दौरान प्रेमविवाह किया था।इस हत्याकांड में डा. रजनीकांत सहित उनके अन्य पुत्रों को नामजद किया गया। फिलहाल कातिल अनिल दत्ता जेल में है। इसी दौरान गत 18 अगस्त को डा. रजनीकांत दत्ता की पत्नी मधु दत्ता का देहावसान हो गया और अब खुद रजनीकांत दत्ता भी चल बसे। डा. रजनीकांत दत्ता के पांच पुत्र थे जिनमें तीन डॉक्टर थे तथा पुत्रवधू भी डॉक्टर थीं। अब परिवार में 4 पुत्र बचे हैं जिनमें एक जेल में है। तीसरे नम्बर के पुत्र डा. आशीष दत्ता अर्थोपेडिक सर्जन हैं तथा डा. सपना गुप्ता हत्याकांड में नामजद है।