वाराणसी। एम्फन तूफान गुजरने के बाद आजकल सतह पर पूर्वा हवाओं का डेरा है तो उसके लगभग एक किलोमीटर ऊपर पछुआ हवा चल रही है। इसके चलते मौसम का तेवर बदला हुआ है, ऐसी अवस्था में उमस को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। उक्त जानकारी बीएचयू के मौसम विज्ञानी डा. एस.एन. पांडेय ने दी है। उन्होंने बताया कि अभी दो दिन उमस बरकरार रहेगी। इस दौरान नमी कम होने के कारण वर्षा की कोई संभावना नहीं है। यही स्थिति बरकरार रही तो आगामी 27 मई से आसमान में बादल भी आ जायेंगे। आज सुबह होते ही गर्मी ने सितम ढाना शुरू किया तो दोपहर होते-होते भीषण उमस से लोगों की बेचैनी काफी बढ़ गई। घर से दफ्तरों तक कूलर , पंखा चलने के बावजूद लोग पूरे दिन पसीना पोछते ही नजर आये। शहर से गांव तक आज लोग मौसम के तेवर से खासे परेशान हुए तो बाग बगीचों की याद भी सताने लगी। शहर में कंक्रीट का जंगल ज्यादा होने के चलते तापमान का असर कुछ ज्यादा ही दिखा जबकि बीएचयू के हरे भरे इलाके में तापमान लगभग 2 डिग्री कम रहा। आज दिन में 11 बजे ही तापमान 38 डिग्री के पास चला गया, दोपहर बाद लगातार इसके बढ़ने की संभावना प्रबल थी। बाहर सूरज का ताप झुलसा देने पर उतारू था तो घरों में उमस भरी गर्मी से आज जनजीवन अस्त व्यस्त ही नजर आया। मौसम विज्ञानी डॉ. एस.एन. पांडेय ने बताया कि कल अधिकतम 39.7 डिग्री तापमान दर्ज हुआ था, आज यह 40 के पार भी जा सकता है। अधिकतम हीम्यूनिटी भी बढ़कर 61 फीसदी हो गई तो न्यूनतम 38 के आसपास है।
अब इसका औसत 49 के आसपास चले जाने से गर्मी का प्रभाव ज्यादा दिख रहा व उमस भी काफी बढ़ गई है। इस बार ज्येष्ठ माह में ऐसा हो रहा जबकि अक्सर ऐसा मौसम सावन अथवा भादो के महीने में ही दिखता है। उन्होंने बताया कि मौसम विज्ञान की भाषा में मानव सहजता सूचकांक बढ़ने से ऐसा हो रहा है। ऐसे में कूलर पंखा चलने के बावजूद आराम नहीं मिलने वाला सिर्फ एसी में ही आराम मिल सकता है। आज आर्द्रता भी 45 से 50 के आसपास है, शुष्क हवाओं का साम्राज्य कायम होने व नमी कम होने से फिलहाल वर्षा के बिल्कुल आसार नहीं है। आगामी 3 दिनों बाद हवा का रुख कुछ बदल सकता है तब आराम की संभावना रहेगी। मानसून के आने तक मौसम का मिजाज यूँ ही सबको छकाता रहेगा।