आईब्रो को ब्यूटीफुल बनाती है माइक्रोब्लेडिंग


आईब्रो माइक्रोब्लेडिंग तकनीक को इन दिनों काफी पसंद किया जा रहा है, क्योंकि इसके जरिए आप अपनी थिन आईब्रो को भी एक फुलर व थिक लुक दे सकती हैं। जिससे आपका फेस काफी ब्यूटीफुल नजर आता है। आईब्रो आपके चेहरे के लुक को काफी हद तक बदल देता है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकती हैं कि जब आई ब्रो हेयर बढ़ने लगते हैं तो फेस भी अजीब नजर आने लगता है। वहीं आईब्रो बनवाने के बाद चेहरे के फीचर्स काफी शार्प नजर आते हैं। इतना ही नहीं, अगर आई ब्रो के हेयर्स काफी कम हो तो इससे आपके आंखों की सुंदरता भी काफी कम हो जाती है। ऐसे में अक्सर महिलाएं आईब्रो पेंसिल की मदद लेती हैं। लेकिन अगर आप बार-बार आईब्रो पेंसिल के इस्तेमाल के झंझट से बचना चाहती हैं तो ऐसे में माइक्रोब्लेडिंग तकनीक का सहारा ले सकती हैं। तो चलिए आज हम आपको माइक्रोब्लेडिंग के बारे में विस्तार से बता रहे हैं-क्या है माइक्रोब्लेडिंग: स्किन केयर व मेकअप एक्सपर्ट बताते हैं कि आईब्रो माइक्रोब्लेडिंग तकनीक को इन दिनों काफी पसंद किया जा रहा है, क्योंकि इसके जरिए आप अपनी थिन आईब्रो को भी एक फुलर व थिक लुक दे सकती हैं। जिससे आपका फेस काफी ब्यूटीफुल नजर आता है। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार माइक्रोब्लेडिंग क्या है। मेकअप एक्सपर्ट के अनुसार, आई ब्रो माइक्रोब्लेडिंग वास्तव में मेकअप का एक सेमी परमानेंट प्रॉसिजर है। इसका अर्थ यह है कि कुछ समय बाद इस टैटू में इस्तेमाल की जाने वाली इंक फेड हो जाती है। हालांकि आप इस प्रक्रिया को फिर से करवा सकती हैं। वैसे यह एक तरह का टैटू ही है, लेकिन फिर भी यह उससे थोड़ा अलग है। क्योंकि इसमें इस्तेमाल की जाने वाली इंक त्वचा में गहराई से प्रवेश नहीं करती। ऐसे होती है माइक्रोब्लेडिंग: माइक्रोब्लेडिंग दो सिटिंग में किया जाता है। पहली सिटिंग में, आप तकनीशियन के साथ बैठती हैं और तय करती हैं कि आप किस आकार और मोटाई के साथ अपनी आईब्रो चाहती है। तकनीशियन आपकी पसंद के हिसाब से ब्रॉज को कस्टमाइज और डिजाइन करेगा। वहीं दूसरी सिटिंग में, सुई का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें करीनब दो से तीन घंटे तक का समय लग सकता है। एक बार माइक्रोब्लेडिंग के बाद आपको करीबन चार सप्ताह बाद एक बार दोबारा टेक्नीशियन के पास विजिट करना होता है। इसके बाद आपको एक साल तक टचअप की भी जरूरत नहीं होती।
होते हैं यह फायदे: माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया वास्तव में उन महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है, जिनके आईब्रो हेयर्स नेचुरली काफी कम या पतले हैं। ऐसे में वह माइक्रोब्लेडिंग के जरिए अपनी आईब्रो को एक डिफाइन लुक दे सकती हैं। इसके अलावा एक बार माइक्रोब्लेडिंग के बाद यह एक साल से लेकर तीन साल तक आपकी स्किन पर रहता है, हालांकि यह मुख्य रूप से आपकी स्किन टाइप पर निर्भर करता है। इसके अलावा एक बार माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया के बाद आपको इसकी बहुत अधिक देख-रेख करने की भी जरूरत नहीं होती। जिससे आपको अपनी आईब्रो को अतिरिक्त समय देने की जरूरत नहीं है।