वाराणसी (काशीवार्ता)। मानसूनी फुहार तन-बदन को भले ही सुकून देती हो लेकिन झमाझम बारिश से सड़कों पर होने वाला जलजमाव काशी के लोगों को भारी कष्ट दे रहा है। शहर के ज्यादातर इलाकों में इन दिनों सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। इससे न केवल सड़कें बदहाल हो रही बल्कि व्यवसायियों को भी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना काल में लॉकडाउन से ध्वस्त हो चुकी कार्य योजना का खामियाजा अब आमजन को उठाना पड़ रहा है। मानसून के आगमन से चंद दिनों पहले नाली-नालों की सफाई क्या शुरू हुई बारिश ने नगर निगम के सफाई अभियान पर पानी फेर दिया। जिन क्षेत्रों में नालियों से सिल्ट निकालकर उसे सड़क पर छोड़ दिया गया था वह फिर से नाली में समा गए। यह नजारा लहरतारा सनबीम स्कूल मार्ग पर देखा जा सकता है। यहां युद्ध स्तर पर नाली सफाई का कार्य तो किया गया लेकिन समय से सिल्ट नहीं उठाए जाने से सिल्ट पुन: नाली में बह जा रही है। कमोवेश एसी ही स्थिति अन्य क्षेत्रों की भी है। समय से नालियों व नालों की सफाई का कार्य पूर्ण नहीं होने से बारिश के पानी की जल निकासी ठीक ढ़ग से नही हो पा रही जिसका नतीजा है कि सड़कों पर जलजमाव की स्थिति लगातार बनी रह रही है। अभी बरसात ठीक से हुई ही नहीं की मंडुवाडीह आर ओ बी के नीचे का सीवर चोक हो गया है। बताते हैं कि रेलवे गेट संख्या 3 अ से लेकर मंडुवाडीह चौराहे तक का सीवर चोक है, लेकिन सफाई करवाने वाले जिम्मेदार नदारद है। जब मंडुवाडीह बाजार में आर ओ बी का निर्माण शुरू हुआ उसी समय मेन सीवर लाइन पुल के नीचे दब गई।
उस वक़्त नागरिकों ने पुल के दोनों तरफ के सर्विस रोड पर सीवर का ब्रांच लाइन डालने की मांग की थी। अगर भविष्य में सीवर कभी जाम हो तो उसकी साफ सफाई हो जाये लेकिन सेतु निगम द्वारा एक ही तरफ सीवर लाइन डाली गई जिसका खामियाजा यहां के रहने वाले भुगत रहे हैं। इस संबंध में जब नगर निगम में बात की गई तो उन्होंने कहा की यह हमारे सीमा क्षेत्र से बाहर है। सीवर समस्या से त्रस्त लोगों ने काशी विद्यापीठ ब्लॉक से लेकर हर जगह गुहार लगाई लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है।