वाराणसी (काशीवार्ता)। पाण्डेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय में दो दशक से भी ज्यादा समय से तैनात वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. अमरेंद्र कुमार का स्थानांतरण आखिरकार शासन ने बरेली जनपद के लिए कर ही दिया। ऐसा नहीं है कि डॉ. अमरेंद्र का स्थानांतरण इसके पूर्व न हुआ हो, लेकिन पहुंच व रुतबे के चलते हर बार स्थानांतरण निरस्त हो जाता रहा। विगत वर्ष जून माह में अस्पताल में भर्ती मानसिक रोगियों की हो रही मौतों व अस्पताल में व्याप्त अनिमितताओं को समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित किये जाने से सरकार की हो रही किरकिरी के बाद भी डॉ.अमरेंद्र अपना स्थानांतरण रुकवाने में सफल हो गए थे। शासन की सख्त स्थानांतरण नीति के चलते इस वर्ष अति गोपनीय तरीके से सूची स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा बनाई गई, जिसकी जानकारी डॉ. अमरेंद्र को नहीं हो सकी और इस बार तबादला सूची में उनका नाम जारी हो गया।
सूत्रों की मानें तो देर रात जारी हुई स्थानांतरण सूची में अपना नाम देख डॉ. अमरेंद्र स्थानांतरण रुकवाने की जद्दोजहद में जुट गए हैं। शासन स्तर पर अपनी बिसात बिछाने में जुटे डॉ. अमरेंद्र स्थानीय नेताओं के साथ ही केंद्र स्तर के मंत्रियों तक से अपना स्थानांतरण रुकवाने का प्रयास कर रहे हैं। संभावना है कि इसके लिए यदि एक दो माह का समय लगता है तो वे बीमारी का बहाना बनाकर लम्बी छुट्टी पर भी जा सकते हैं। वहीं जानकारों का मानना है कि यदि उनका स्थानांतरण किसी कारणवश नहीं रुकता है तो वे शासन से वीआरएस लेने का अनुरोध करेंगे।
चिकित्सक पुत्री को स्थापित करना उद्देश्य
डॉ. अमरेंद्र काशी इसलिए भी नहीं छोड़ना चाहते हैं क्योंकि मानसिक रोग से पीड़ित सैकड़ों मरीज अस्पताल के साथ ही उनके आवास पर बने क्लिनिक पर दिखाने आते हैं। यदि वे बरेली चले जायेंगे तो उनके मरीज दूसरे चिकित्सकों के पास जाने लगेंगे। डॉ. अमरेंद्र काशी में रहते हुए अपनी चिकित्सक पुत्री को पूरी तरह से स्थापित करना चाहते हैं जिससे उनकी बनाई विरासत को वह आगे बढ़ा सके।