फ्लावर डेकोरेशन से महकाएं अपना घर


हमारे देश में धार्मिक स्थलों को रोज फूलों से सजाने की परंपरा है। लेकिन घरों को कभी-कभार ही फूलों से सजाया जाता है, जैसे कोई मंगल कार्य हो रहा हो या कोई त्योहार हो। लेकिन अब फूलों से घर सजाना, त्योहारों तक सीमित नहीं रह गया है।

जब भी समय हो, फुर्सत हो और इच्छा हो तो घर को फूलों से सजा लिया जाता है। खासकर दक्षिण भारत में घर के मुख्य दरवाजे और बैठक को फूलों से अकसर सजाने का चलन है। अब धीरे-धीरे देश के दूसरे हिस्सों में भी यह चलन बढ़ रहा है। लेकिन जब भी आप अपने घर की रौनक बढ़ाने या अंदाज बदलने के लिए फ्लावर डेकोरेशन करें तो कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखें।

एक थीम को चुनें

घर को सुंदर बनाने के लिए सेलेक्शन हमेशा अपने पसंदीदा फूलों का करें। फिर फूलों को सजाने के लिए किसी एक थीम को चुन लें, जिससे सारी सजावट एक लय में दिखे। इससे घर का लुक नया-सा नजर आएगा।

लोकेशन तय करें

घर में फूलों को किसी वास में सजाकर ऐसे कोने पर रखा जा सकता है, जहां सबकी नजर जाए। इसे किसी स्टूल पर भी रखा जा सकता है। आप फ्लावर वास को घर की एंट्री के पास भी रख सकती हैं, जिससे घर में आने वाले व्यक्ति की उस पर नजर जाए।

कटिंग का तरीका सही हो

सजावट के लिए फूलों की डंडी को हमेशा तिरछा काटें। काटने के लिए पौधे काटने वाली बड़ी कैंची का इस्तेमाल करें। छोटी कैंची से न कांटें, क्योंकि इससे डंडियां कटने में दिक्कत आती है और वो अच्छे से कटती भी नहीं।

रखें ध्यान ( बॉक्स बना सकते हैं )

– अगर टहनी या फूल की डंडी मोटी है तो थोड़ी-थोड़ी दूरी पर चीरा लगा दें, जिससे यह अधिक से अधिक पानी सोख सकें।

– अगर फ्लावर डेकोरेशन में सूरजमुखी के फूल इस्तेमाल करने जा रही हैं तो नीचे से दो इंच टहनी को गरम पानी में कुछ मिनटों के लिए भिगोकर रखें। तेज चाकू से हर डंडी में दो इंच लंबा चीरा लगाएं, जिससे वह अधिक से अधिक पानी सोख सके और ताजा बना रहे।

-फूल काटने के तुरंत बाद इन्हें सामान्य तापमान वाले पानी से भरी बाल्टी या सिंक में डुबो दें। इसे एक घंटे या उससे अधिक समय के लिए पानी में ही रहने दें।

-फ्लावर डेकोरेशन के लिए इस्तेमाल में लाए गए फूल एक सप्ताह तक तरो-ताजा नजर आएं, इसके लिए डंडी के निचले हिस्से को थोड़ा-सा काट लें, रोज पानी बदलती रहें।