वाराणसी(काशीवार्ता)। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी की वजह से हवा में नमी बढ़ गई है। वाराणसी समेत आसपास के जिलों में ठंड इतनी अधिक है कि रात की बात तो दूर दिन में ही कंपकंपी लगने लगी है। हांलाकि आज पांचवे दिन सूर्य देव महज कुछ मिनट के लिए प्रकट हुए लेकिन शीघ्र ही बादलों ने उन्हें पुन: अपने आगोश में जकड़ लिया। आज सुबह कोहरा तो नहीं रहा लेकिन धूप भी नहीं खिली। अन्य दिनों की तुलना में दिन में गलन अधिक है। इस वजह से बहुत से लोग घरों में ही रहे। मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिनों तक घने कोहरे के साथ ही ठंड बढ़ने की संभावना जताई है। पिछले एक सप्ताह से मौसम के मिजाज में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है।
रात में लुढ़का तापमान
बुधवार को सुबह से ही 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवाएं चलती रही। हालांकि कोहरा तो नहीं दिखा, लेकिन हवा में नमी ज्यादा होने से ठंड सबसे अधिक रही। दिन में स्वेटर, जैकेट, टोपी और हाथ में दस्ताना पहनकर निकले लोग भी गलन अधिक होने से कांपते नजर आए। शाम को भी हवा चलती रही, इस वजह से किसी तरह की राहत नहीं मिली। रात में तापमान में गिरावट दर्ज की गई। बीते 24 घंटे में अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान में भी कमी दर्ज की गई। मंगलवार को अधिकतम तापमान 16.5 डिग्री सेल्सियस की जगह बुधवार को 15.6 रिकार्ड किया गया। इसके साथ ही न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस की तुलना में बुधवार को 9.8 रहा।
गरीबों के लिए सहारा बना
रैन बसेरा
वाराणसी। ठंड के सितम से बचाने के लिए योगी सरकार का रैन बसेरा गरीबों के लिए सहारा बन कर खड़ा है। वाराणसी में शीतलहर से बचने के लिए यूपी सरकार शहर में एक साथ रुकने के लिए 23 शेल्टर होम संचालित कर रही है। कुछ रैन बसेरा महिला और पुरुषो के लिए अलग-अलग बना है, जबकि कुछ में फैमली केबिन की भी व्यवस्था है। आश्रय स्थलों में गीजर और ब्लोअर की भी व्यवस्था है। नगर निगम के अपर आयुक्त दुष्यंत कुमार ने बताया कि शहर में 23 रैन बसेरा बना है। जिसमे 889 बिस्तर लगे है। 12 स्थाई है और 11 रेन अबसेरा स्थाई रूप से बने है। जिसमें 2 पुरुष और 2 महिलाओं के लिए आरक्षित है। जबकि दो आश्रय स्थल में परिवार के रुकने के लिए अलग से केबिन बना है।