कुआलालम्पुर। मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक भ्रष्टाचार सहित सात मामलों में दोषी पाए गए। इनमें मलेशिया डेवलपमेंट बरहाद (1एमडीबी) स्टेट फंड फ्रॉड सबसे बड़ा मामला है। इसमें अरबों डॉलर निवेश के नाम पर वसूले गए। बाकी पांच मामले भी कहीं न कहीं भ्रष्टाचार से जुड़े हैं। इसके लिए उन्हें 12 साल जेल की सजा सुनाई गई है। साथ ही करीब 368 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। नजीब को आपराधिक विश्वासघात और धन शोधन के तीन-तीन मामलों में सभी में 10-10 साल जेल की सजा मिली है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इस तरह उन्हें 12 साल की जेल होगी। हालांकि, फिलहाल उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा, क्योंकि उनकी सजा को अमल में लाने पर रोक लगाने के लिए दायर अपील को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने बुधवार तक करीब पौने दो करोड़ रुपए बेलआउट रकम के तौर पर चुकानी होगी। महीने में दो बार पुलिस के सामने हाजिरी भी देनी होगी।
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक मंगलवार को सुबह 10 बजे हाई कोर्ट पहुंचे थे। मलेशिया के अखबार न्यू स्ट्रेट्स टाइम्स के मुताबिक- हाई कोर्ट के जज मोहम्मद गजाली ने दो घंटे तक फैसला पढ़ा। कहा- मैं आरोपी को दोषी पाता हूं। नजीब ने सत्ता का गलत इस्तेमाल किया। उन्हें सभी मामलों में दोषी पाया गया है। यह फैसला नई सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार में नजीब की मलय पार्टी के शामिल होने के पांच महीने बाद आया है।