(विशेष प्रतिनिधि)
वाराणसी (काशीवार्ता)। लगता है फुलवरिया फोरलेन की गति बीरबल की खिचड़ी की भांति हो गई है,जो तैयार होने का नाम ही नहीं ले रही है। ताजा स्थिति यह है कि सेतु निगम ने इसके पूरा होने की तारीख एक महीने आगे यानी अप्रैल तक खिसका दी है। यह परियोजना अप्रैल तक भी पूरी हो जाय तो गनीमत समझिए। सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर निरंजन के अनुसार अभी 5 प्रतिशत काम अधूरा है। कहीं पुल का काम तो कहीं अप्रोच रोड का काम लटका हुआ है। उनके अनुसार कई जगह अतिक्रमण और कोर्ट स्टे के चलते काम में बाधा आ रही है। डिजाइन में परिवर्तन करना पड़ रहा है। यह स्थिति तब है जब इस परियोजना की निगरानी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री स्तर पर हो रही है। इस परियोजना के पूर्ण होने की मियाद कई बार बढ़ चुकी है। अनेक बार डिजाइन भी बदली जा चुकी है। इसकी वजह से इसकी लागत भी कई गुना बढ़ गई है। सेतु निगम के जिम्मे पुल का निर्माण है। जिसकी लंबाई करीब दो किलोमीटर है। इसपर करीब एक सौ करोड़ खर्च होंगे। सड़क निर्माण का काम पीडब्ल्यूडी के जिम्मे है। पीडब्ल्यूडी ने लगभग अपना काम पूरा कर लिया है। सिर्फ सेतु निगम का काम पीछे चल रहा है। सेतु निगम ने पहले बताया था कि 31 मार्च तक हर हाल में काम पूरा हो जाएगा। परियोजना में लेटलतीफी के चलते निर्माण की लागत के साथ साथ लोगों की दुश्वारियां भी बढ़ रही है। अंधरापुल और चौकाघाट पर रोजाना लगने वाले जाम से हर आमो खास परेशान है। अगर फुलवरिया फोरलेन बन जाता तो दोनो स्थानों पर वाहनों का दबाव कम होता। लहरतारा से आने वाले वाहन बाहर से ही शिवपुर की तरफ निकल जाते। सेतु निगम जैसी सरकारी संस्थाओं को निजी कंपनियों से सीखने की जरूरत है। शिवपुर बाबतपुर एयरपोर्ट रोड निजी कंपनी ने पूर्ण गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय में पूर्ण किया, जो एक मिसाल है।