गंगा का जलस्तर दूसरे दिन मंगलवार को भी स्थिर रहा। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जलस्तर 65.53 मीटर पर है। दो दिनों से जलस्तर में वृद्धि नहीं हुई। हालांकि, जलस्तर कम भी नहीं हो रहा है। जलस्तर में वृद्धि थमने से तटवर्ती इलाके के लोगों कराहत महसूस की है। उत्तराखंड व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के चलते गंगा का जलस्तर पिछले दिनों तेजी से बढ़ा। दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पानी बढ़ रहा था। हवा के चलते गंगा में लहरें उठ रही थीं। जलस्तर बढ़ने से घाटों की सीढ़ियां डूब गईं और मार्ग जलमग्न हो गया। गंगा में नौका संचालन भी रोक दिया गया है। गंगा में चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का बिंदु 71.262 मीटर है। चित्र में दशाश्वमेध घाट स्थित शीतला मंदिर की सीढ़ियों पर स्थिर बाढ़ का पानी।