गंगा के बाद बेसो व मंगई नदी ने मचाया तांडव


गाजीपुर (काशीवार्ता)। जिले में गंगा की सहायक नदियां भी पूरे उफान पर हैं। गंगा के बाद बेसो और मंगई नदी का तांडव चार तहसीलों के सैकड़ों गांवों में तांडव मचाए हुए है। हजारों हेक्टयर भूमि डूब गई है। जिसे किसानों का बड़ा नुकसान हुआ है। इसके साथ ही गंगा पानी अब मुहम्मदाबाद तहसील के करईल इलाके में घुस चुका है। जिससे करीब एक हजार हेक्टेयर में बोई गई सब्जी की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। इसको लेकर किसानों की चिंताएं बढ़ी हुई हैं। गुरूवार को गंगा का जल स्तर 12 बजे 64.600 पहुंच गया। एक घंटे पर आधा सेंटीमीटर का बढ़ाव जारी है। इसके साथ ही शहर के कई मुहल्लों में गंगा का पानी घुस गया है।सरकारी आकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो गंगा में आई बाढ़ से सेवराई तहसील में 16, सैदपुर में चार, सदर में चार, मुहम्मदाबाद में दो गांव मिलाकर कुल 26 गांव प्रभावित बताए जा रहे हैं। डीएम एमपी सिंह ने दावा किया कि जमानियां में बाढ़ से एक भी गांव प्रभावित नहीं है। वैसे एसडीएम को दोबारा सर्वे करके बाढ़ प्रभावित गांवों की दोबारा सूची तैयार करने को गया है। जिन गांव में बाढ़ से नुकसान हुआ है उसका भी सर्वे कराया जाए। उधर गंगा के बाढ़ के कारण मुहम्मदाबाद तहसील के करईल इलाके में बाढ़ का पानी घुस चुका है। जिससे दो दर्जन गांव प्रभावित होंगे। इसमें करईल के सब्जी उत्पादन वाले गांव मच्छटी, पखनपुरा, दोनपाह, लोचाइन, दहिनौर, अवथहीं में करीब एक हजार हेक्टेयर में मिर्चा, केला की
फसल हुई है, जो शाम तक बाढ़ से घिरकर बर्बाद हो जाएंगे। इसको लेकर किसानों की चिंताएं लगातार बढ़ी हुई है। इसके साथ ही मंगई भी उफान पर है। बताया जा रहा है कि जोगा, मुरतजीपुर, लौवाडीह, सरदरपुर, गोड़उर, सियाड़ी आदि गांव मंगई से प्रभवित हो गए हैं। इसके साथ ही कासिमाबाद और जखनियां के कई दर्जन गांवों में मंगई नदी में बाढ़ आने से लोग परेशान हैं। वहीं बेसो नदी का भी तांडव जारी है। उधर शेरपुर गांव पूरी तरह से गंगा में आई बाढ से घिर गया है। इन लोगों के आने जाना का सहारा अब सिर्फ नाव ही बची है। इस गांव के डेढ़ सौ परिवारों को आपदा राहत सामग्री का वितरण एसडीएम राजेश कुमार गुप्ता ने किया।