गाजीपुर में गंगा खतरे के निशान के पार


गाजीपुर। जिले में गंगा का जल स्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ने के कारण पांच तहसीलों में हाहाकार मचा हुआ है। गंगा के बढ़ने के कारण बेसो नदी भी उफान है। अभी तक दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। हमारे सेवराई संवाददाता के अनुसार आधा दर्जन गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है, मगर जिला प्रशासन ने इससे इंकार किया है। अफसरों का कहना है कि सबसे अधिक खतरा अभी तक सेवराई तहसील के गांवों को है। वहां पर नाव सहित सभी इंतजाम किए गए हैं और सभी बाढ़ प्रभावित लोगों से अपील की गई है कि वह बाढ़ राहत केंद्रों पर बने आश्रयों में जाना शुरू कर दें। जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को रहने, खाने के साथ साथ पशुओं के चारे का इंतजाम कराएगी।बतादें कि दो दिन पहले गंगा में करीब दो लाख क्यूसिक पानी छोड़ने के बाद गंगा का जल स्तर अचानक बढ़ने लगा। पहले गंगा दो सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ना शुरू हुई। अब तीन सेंटीमीटर गंगा का जल स्तर बढ़ रहा है। जल स्तर खतरा बिन्दु के पार करने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। जिलाधिकारी बीते 24 घंटे में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ ही एसडीएम की बैठक लेकर राहत एवं बचाव कार्य की तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ लहजे में कहा है कि अगर किसी ने लापरवाही करने की कोशिश की तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छुट्टी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है। एडीएम अरूण कुमार सिंह ने शुक्रवार को सेवराई तहसील के विभिन्न गांवों का भ्रमण किया। यहां पर एसडीएम राजेश चौरसिया ने तहसील के प्रभावित गांवों में 38 नाव का इंतजाम करने की मांग की है। जिस पर प्रशासन ने आश्वासन दिया है। कहा है कि हर स्तर पर सहयोग किया जाएगा। उन्होंने बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को अलर्ट रहने को कहा गया है। करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों के प्रभावित रहने के कारण इन गांवों को बाढ़ राहत केंद्रों में भेजने के निर्देश दिए गए हैं।