गाजीपुर (काशीवार्ता)। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद भी जिले की तहसीलें भ्रष्टाचार का अड्डा बनी हुई हैं। बिना रिश्वत लिए बगैर यहां एक भी काम नहीं हो पा रहा है। डीएम के लाख चिल्लाने के बाद भी इन अधिकारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है। डीएम भी अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं।
अगर किसी ने शिकायत कर दी तो शिकायतकर्ता पर ही कार्रवाई करने से अधिकारी नहीं चूक रहे हैं। पूरे जिले के तहसीलों के अधिकारियों को लेकर जनता में हाहाका मचा हुआ है। अगर मुख्यमंत्री ने इन अफसरों पर लगाम नहीं लगाया तो इसका विधानसभा चुनाव में प्रतिकूल असर पड़ेगा। अभी बीते शुक्रवार को सैदपुर तहसील में तैनात लेखपाल प्रमोद कुमार को औड़िहार स्थित ढाबा से भ्रष्टाचार निवारण संगठन वाराणसी की टीम ने रिश्वत लेते समय रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। लेखपाल के पास से रिश्वत की धनराशि पांच हजार रुपये बरामद किया गया।
लेखपाल के खिलाफ टीम प्रभारी संतोष कुमार दीक्षित की तहरीर पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि लेखपाल प्रमोद कुमार का हल्का गोरखा गौरी क्षेत्र है। गौरी गांव निवासी मूलचंद यादव ने बीते शनिवार को तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में अपनी जमीन की पैमाइश कराकर कब्जा दिलाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था।
मूलचंद प्रार्थनापत्र निस्तारण के लिए लेखपाल प्रमोद कुमार के पास गया और उनसे मिलकर गौरी गांव में स्थित अपनी जमीन की पैमाइश करने का निवेदन किया। मूलचंद का आरोप है कि लेखपाल ने उनसे 10 हजार रुपये रिश्वत मांगा। पांच हजार रुपये पहले और पांच हजार रुपये काम होने के बाद। मूलचंद ने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निवारण संगठन वाराणसी में की। शिकायत पर हरकत में आई टीम ने मूलचंद को बताया कि रिश्वत देने से पहले सूचना दे दें। टीम के संपर्क में आने के बाद उनके द्वारा बताए गए तरीके से मूलंचद ने औड़िहार स्थित ढाबा पर रुपये देने के लिए लेखपाल को बुलाया और ज्यों ही रुपये लेखपाल ने थामा टीम पहुंच गई और लेखपाल को रंगे हाथ पकड़ लिया। लेखपाल को पकड़कर टीम थाने ले आई और रुपये सील करने के साथ ही अन्य कार्रवाई पूरी की। टीम के प्रभारी संतोष कुमार दीक्षित ने कोतवाल राजीव सिंह को तहरीर दिया। कोतवाल ने बताया कि संतोष कुमार दीक्षित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
एक वर्ष बाद भी नहीं हुई पैमाइश
मूलचंद की जमीन गौरी गांव में है। गांव के ही कुछ लोग उनकी जमीन पर कब्जा किए हैं और जमीन जोतने नहीं दे रहे हैं। साथ ही जमीन के बगल से गए रास्ते पर भी कब्जा किया था। दिसंबर 2020 से लगातार मूलचंद सैदपुर तहसील का चक्कर लगा रहे हैं। अब तक वह तीन बार समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दे चुके हैं लेकिन अभी तक उसका निस्तारण नहीं हुआ। इनकी जमीन की पैमाइश नहीं की गई। जब लेखपाल ने उनसे रिश्वत मांगा तो परेशान मूलचंद ने भ्रष्टाचार निवारण से संपर्क किया।