गाजीपुर नगर में घुसा गंगा का पानी, मची खलबली


गाजीपुर नगर में घुसा गंगा का पानी, मची खलबली
गाजीपुर (काशीवार्ता)। नगर में मंगलवार को खुदाईपुरा, लकड़ी का टाल मुहल्ले में बाढ़ का पानी घुस गया। खुदाईपुरा में बाढ़ के पानी से कई मकानों के साथ ही दुकानें घिर गई हैं, इसको लेकर लोगों में खलबली मची हुई है। जलस्तर में इसी तरह से बढ़ाव जारी रहा तो एक-दो दिन में नगर के अन्य इलाकों में भी बढ़ा का नजारा दिखाई देने लगेगा। मंगलवार की सुबह गंगा में बह रहे नाले के जरिए नगर के खुदाईपुरा, लकड़ी के टाल पर बाढ़ का पानी पहुंच गया, अन्य मुहल्लों में देर रात तक पहुंचने की संभावना है। खुदाईपुरा मुहल्ले में स्थित दुकानें बंद हो गई हैं। लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। लोगों ने नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन विनोद अग्रवाल से नाव चलाने की मांग की है। गंगा का पानी नगर में घुसने के बाद चेयरमैन ने बाढ़ प्रभावित मुहल्लों का दौरा किया।
गंगा में आई बाढ़ से जिले के 16 गांवों में पानी घुस गया है। जिससे यहां के लोगों को छतों पर जगकर रात गुजरानी पड़ रही है। इन्हें अंदेशा है कि बाढ़ का पानी और बढ़ सकता है। डीएम व एमपी सिंह का दावा है कि बाढ़ से जनहानि शून्य है। पशुओं को भूसा का इंतजाम किया जा रहा है। आज शाम तक बाढ़ से बर्बाद फसलों की रिपोर्ट आ जाएगी। भांवरकोल में धरमपुरवा गांव का संपर्क मुहम्मदाबाद से पूरी तरह से टूट गया है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट की मानें तो एक सेंटीमीटर पानी दो घंटे पर बढ़ रहा है। 11 बजे तक गंगा का जलस्तर 64.240 रिकार्ड किया गया। डीएम ने इन गांवों के पशुओं के लिए चारे के रूप में भूसा भेजने के निर्देश सीवीओ को दिया है। जल्द ही पशु पालकों को चारा उपलब्ध करा दिया जाएगा। गंगा की रफ्तार भले ही कम हुई है फिर भी गांवों में धीरे धीरे बाढ़ का पानी पहुंच रहा है। सेवराई तहसील के दस गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। मुहम्मदाबाद और सैदपुर में दो दो गांव बाढ़ प्रभावित चुके हैं। जमानियां में एक गांव बाढ़ से प्रभावित है। इसी तरह से शेरपुर कला गांव का बच्छलपुर का संपर्क टूट गया है। शेरपुर और खुद गांव भी पानी से घिरा बताया जा रहा है। पलियां गांव में सब्जी की फसलें बर्बाद हो गई है। शेरपुर में कटान अभी भी जारी है। अभी तक 70 बीघा से अधिक जमीन गंगा में समा चुकी है।
कठवामोड़ पुल के नीचे चलाया जाए मोटरवोट-

सपा नेता चंद्रिका यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट करके मांग किया है कि गाजीपुर बलिया मार्ग पर स्थित कठवामोड़ पर पुल के नीचे स्टीम इंजन या मोटर बोट चलाई जाए, ताकि लोगों को आने जाने में सहूलियत हो सके। क्योंकि लोगों को कठवामोड़ पर पहुंचन में दो घंटे का वक्त लग रहा है।उन्होंने बताया कि बाढ़ से हालात जिले में बेकाबू होते जा रहे हैं। गंगा में आई बाढ़ के कारण ही डायवर्जन पुल पर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।
नाव पर सवार होकर डीएम व एसपी ने देखा गंगा का तांडव

गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए सोमवार को जिलाधिकारी एमपी सिंह एवं पुलिस अधीक्षक डा. ओपी सिंह ने क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ नाव से विभिन्न गांवों का दौरा किया। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए संबंधितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि सहायता देने में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। अधिकारीद्वय ने अधिकारियों के साथ नाव से ब्लाक क्षेत्र के नसीरपुर, अठाहठा, बीरउपुर, नगदिलपुर, परमानंदपुर आदि गांवों का दौरा किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम प्रधान, सचिव, लेखपाल, आशा, एएनएम, गांव में कैम्प करेंगे तथा लोगों की समस्याओं को सुनेंगे और उसका निस्तारण जल्द से जल्द करेंगे। कोटेदारों से कहा कि किसी का भी अनाज बकाया नहीं रहना चाहिए। कहा कि कोई भी परिवार भूखा नहीं सोएगा, सबके लिए अनाज तथा पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था तत्काल कराई जाएगी। कार्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों ने कई समस्याओं से जिलाधिकारी को अवगत कराया गया।जिसका समाधान कराने का उन्होंने आश्वासन दिया। इस दौरान एसपी के अलावा एसडीएम सेवराई रमेश मौर्य, रेवतीपुर बीडीओ सुरेंद्र सिंह राणा एवं क्षेत्रीय लेखपाल, सचिव आदि मौजूद रहे।
गंगा की कटान से शेरपुर के अस्तित्व को खतरा
वाराणसी/गाजीपुर (काशीवार्ता)। गाजीपुर के मोहम्दाबाद तहसील के ऐतिहासिक गांव शेरपुर कलां को गंगा की कटान से गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।परन्तु न तो सरकारी महकमा और न ही कोई जनप्रतिनिधि इस तरफ कोई ध्यान दे रहे हैं।पहले यह गांव गाजीपुर संसदीय क्षेत्र में पड़ता था।परिसीमन के बाद यह बलिया में चला गया।यहां के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त हैं और विधायक अलका राय हैं।दोनो जनप्रतिनिधि बीजेपी के हैं।केंद्र और प्रदेश दोनो जगह इनकी सरकार है।गांव वालों ने अनेको बार गंगा की कटान का मामला उठाया परन्तु जनप्रतिनिधियों के कान पर जूं नहीं रेंगी।हालांकि चुनाव के वक्त सभी ने कटान को रोकने के लिये कदम उठाने का वादा किया था।परन्तु चुनाव खत्म होते ही वादे भी रद्दी की टोकरी के हवाले हो गए।गांव वाले अपने स्तर से कटान रोकने के लिये जो हो सकता है कर रहे हैं।परन्तु सरकारी मदद और बिना किसी ठोस योजना के यह कार्य सम्भव नहीं है। पांच ग्रामपंचायतों को जोड़ कर शेरपुर ग्रामपंचायत बनी है।यह एशिया की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है।यहां के ग्राम प्रधान का रुतबा किसी एमएलए से कम नहीं होता है।बजट भी अच्छा खासा है।शेरपुर सन 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान तब सुर्खियों में आया जब बाबू शिवपूजन राय के नेतृत्व में गांव के युवाओं ने मोहम्दाबाद तहसील पर तिरंगा फहरा दिया। तब अंग्रेजों ने गोलियां चलायी जिसमे शिवपूजन राय सहित आठ लोग शहीद हो गए। लेकिन इनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया।देश में आंदोलन की ऐसी ज्वाला भड़की की अंतत: अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा।उन शहीदों की स्मृति में तहसील पर शहीद स्मारक का निर्माण हुआ है।वही शेरपुर आज अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है। इस संकट का एक ही समाधान है कि शेरपुर और सेमरा से लगते गंगा के तटबंधों को बोल्डर डाल कर पक्का किया जाय।यह कार्य असम्भव नहीं है,सिर्फ उचित प्रयास और राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।