गोदौलिया-दशाश्वमेध मार्ग के भवनों को नगर निगम की नोटिस से हड़कम्प


(राजेश राय)
वाराणसी (काशीवार्ता)। गोदौलिया-दशाश्वमेध मार्ग के भवन स्वामियों को नगर निगम की नोटिस से हड़कंप की स्थिति है। नोटिस में उन्हें अपना अतिक्रमण खुद हटाने को कहा गया है। ऐसा न करने पर नगर निगम अपने बुलडोजर से अतिक्रमण गिरा देगा और भवन स्वामियों से खर्चा वसूल करेगा। निगम द्वारा प्रथम चरण में गोदौलिया स्थिति मारवाड़ी अस्पताल सहित तीन भवनों को नोटिस दी गयी है। अन्य दो भवन हैं राधा रमण कटरा और साहू मार्केट। निगम ने दोनों काम्प्लेक्स के आगे 11 फुट निर्माण को अतिक्रमण माना है। निगम ने नोटिस जारी करने के लिये सन 1883 के बंदोबस्ती नक्शे को आधार बनाया है।
नक्शे के अनुसार उक्त मार्ग की चौड़ाई अधिकतम 72 फुट तो न्यूनतम 52 फुट है। मसलन गोदौलिया पर सड़क 72 फुट चौड़ी होनी चाहिये। परन्तु मौके पर कम है। निगम के अनुसार मारवाड़ी अस्पताल का बरामदा अतिक्रमण कर बनाया गया है। इसकी चौड़ाई 11 फुट है। निगम ने इसे हटाने का आदेश दिया है। इसी तरह राधारमण कटरा और साहू मार्केट के बरामदे को भी अतिक्रमण माना गया है। लेकिन सबसे चौंकने वाला मामला सेंट्रल होटल का है। निगम के अनुसार यह भवन पूरी तरह निगम की भूमि पर कब्जा कर बनाया गया है। अत: निगम ने इसके कर्ताधर्ता को नोटिस भेजने की जरूरत भी नहीं समझी। इस भवन में काफी दिनों तक एक सहकारी बैंक चलता था। फिलहाल यह भवन एक पूर्व एमएलसी के अधिकार में है। जानकारी के अनुसार पूरे रास्ते में कुल 15 भवन अतिक्रमण की जद में आ रहे हैं। फिलहाल 3 भवनों को ही नोटिस जारी की गयी है। मारवाड़ी अस्पताल की स्थापना सन् 1916 में की गयी थी। यही स्थिति राधारमण मार्केट का है। साहू मार्केट तो दो सौ साल पुराना है। दूसरी तरफ नोटिस प्राप्त करने वालों ने नोटिस भेजने में भेदभाव का आरोप लगाया है। कहा गया है इसी मार्ग पर एक मंत्री का होटल भी अतिक्रमण कर बनाया गया है पर उसे नोटिस नहीं जारी की गयी। ज्ञात हो कि इस अतिमहत्वपूर्ण मार्ग को विकसित करने की शासन ने एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इसके तहत पूरे मार्ग को वाहनों के लिये प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब सिर्फ पैदल ही लोग आ जा सकेंगे। इस मार्ग पर पाथवे भी बनाया जा रहा है। साथ ही टाइल्स भी लगायी जा रही है। इसी योजना के तहत ताँगा स्टैंड को तोड़ कर मल्टी लेवल पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। दशाश्वमेध स्थित मछली मार्केट को भी अन्यत्र शिफ्ट किया गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्हें सुंदरीकरण योजना से कोई आपत्ति नहीं है। क्योंकि इससे पर्यटन को बढ़ावा ही मिलेगा परन्त यह योजनाबद्ध ढंग से और बिना भेदभाव के होना चाहिये।