सरकारी विभागों पर नगर निगम का करोड़ों बकाया, बीएचयू पर सर्वाधिक


वाराणसी। नगर निगम पुराने बकायेदारों के साथ सरकारी विभागों के बकायेदारों पर भी नकेल कसने की तैयारी कर रहा है और ऐसे टॉप 3 बकायेदारों की सूची निकलवाई गई है, जिन पर नगर निगम का काफी लंबे वक्त से करोड़ों रुपये बकाया है। जिनमें सबसे टॉप पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय है। बनारस में बीते 3 सालों से नगर निगम का करोड़ों रुपये दबाकर बैठे लगभग 40,000 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजकर उनसे वसूली की तैयारी शुरू की है। इन सबके बीच वाराणसी नगर निगम अपना टारगेट पूरा करने के लिए अब सरकारी विभागों पर भी शिकंजा कसने जा रहा है। वाराणसी नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्र का कहना है कि सरकारी विभागों में कई विभाग ऐसे हैं जिनके ऊपर काफी लंबे वक्त से बकाया है। कुछ विभागों के साथ तो नगर निगम का टाइअप है और हम उनके साथ तालमेल करके अपने बिल और उनके बिल को एडजस्ट कर लेते हैं, जो सरकारी नियमों के अधीन होता है। वहीं, बहुत से ऐसे सरकारी संस्थान और विभाग है, जहां पर लंबे वक्त से बकाया है और वह चला आ रहा है। इनमें सबसे पहले काशी हिंदू विश्वविद्यालय कर दो हिस्सा है। एक कमर्शियल और एक रिहायशी, जिसके अंदर लोग रहते भी हैं। इस आधार पर टैक्स के निर्धारण को लेकर हमेशा से काफी कंफ्यूजन की स्थिति रही है। टैक्स निर्धारण कैसे हो, क्या हो यह बाद की बात है, लेकिन वर्तमान समय में नगर निगम के लगभग 50 करोड़ के बकाया है। पीके मिश्रा का कहना है कि यह लंबे वक्त से बकाए की धनराशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं। कई अधिकारियों और कई कुलपतियों से बातचीत हो चुकी है, लेकिन इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। इसलिए जल्द ही विभाग को नोटिस जारी कर उनसे इस संदर्भ में उनका जस्टिफिकेशन मांगा जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, दूसरे नंबर पर भारत संचार निगम लिमिटेड पर नगर निगम का दो करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। इसे लेकर भी विभाग के अधिकारियों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष जाना जाएगा और उसके बाद वसूली की कार्रवाई होगी। तीसरे नंबर पर वाराणसी रोडवेज पर भी लगभग 50 लाख रुपये बकाया है। इसे लेकर रोडवेज कोर्ट पहुंच गया है और कोर्ट ने स्थगन आदेश भी जारी किया है। मामला कोर्ट में होने की वजह से आगे की कार्रवाई में दिक्कत है, लेकिन कोर्ट में अपना पक्ष रखने के बाद इस पर भी जल्द कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।