नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम निराश हैं। उन्होंने कहा कि हम इस पैकेज पर निराशा व्यक्त करते हैं, सरकार से प्रोत्साहन पैकेज पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करते हैं। चिदंबरम ने कहा कि हम इस बात पर गहरा खेद व्यक्त करते हैं कि राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज में कई वर्गों को बेसहारा छोड़ दिया गया है। वहीं अब पी चिदंबरम ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि राजकोषीय प्रोत्साहन जीडीपी के 0.91% की राशि 1,86,650 करोड़ रुपये है। आर्थिक संकट की गंभीरता को देखते हुए यह पूरी तरह से अपर्याप्त है। सरकार जीडीपी के 10% के बराबर वास्तविक अतिरिक्त व्यय के 10 लाख रुपये से कम नहीं के व्यापक राजकोषीय प्रोत्साहन की घोषणा करे। सुधारों को आगे बढ़ाते हुए सरकार अवसरवादी हो रही है, यह संसद में चर्चा को दरकिनार कर रही है और इसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ”हमने वित्त मंत्री की ओर से घोषित पैकेज का पूरे ध्यान से विश्लेषण किया। हमने अर्थशास्त्रियों से बात की। हमारा यह मानना है कि इसमें सिर्फ 1,86,650 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज है।
चिदंबरम के मुताबिक आर्थिक पैकेज की कई घोषणाएं बजट का हिस्सा हैं और कई घोषणाएं कर्ज देने की व्यवस्था का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के आर्थिक पैकेज से 13 करोड़ कमजोर परिवार, किसान, मजदूर और बेरोजगार हो चुके लोग असहाय छूट गए हैं।
पूर्व वित्त मंत्री ने सरकार से आग्रह किया, ” सरकार आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करे, समग्र वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करे जो जीडीपी का 10 फीसदी हो। यह 10 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज होना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री के पांच दिनों के ‘धारावाहिक से देश के गरीबों, मजदूरों, किसानों और मध्य वर्ग के लोगों को सिर्फ निराशा हाथ लगी है।