ज्ञानवापी की लड़ाई लड़ रहा हिंदू पक्ष दो धड़े में बंटा


वाराणसी। मां शृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले की लड़ाई लड़ने वाला हिंदू पक्ष दो धड़े में बंट गया है। कमीशन की कार्रवाई का वीडियो और फुटेज लीक होने के बाद हिंदू पक्ष के लोगों के बीच की खाई कुछ ज्यादा ही गहरा गई है। इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि मां शृंगार गौरी के मुकदमे की पैरोकारी करने वाले विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने वीडियो-फोटो लीक होने के मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं, मुकदमा दाखिल करने वाली चार महिलाओं के अधिवक्ताओं में से एक मदन मोहन यादव ने कहा कि हम सीबीआई जांच की मांग नहीं करते हैं, बल्कि, कोर्ट से यह मांग किए हैं कि वह वीडियो-फोटो लीक होने के मामले की जांच कराएं। इसके कुछ घंटों बाद मंगलवार की रात जितेंद्र सिंह विसेन ने मां शृंगार गौरी प्रकरण में शुरू से साथ देने वाले अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु शंकर जैन से अपना नाता तोड़ने की घोषणा की। विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने निर्णय लिया है कि हरि शंकर जैन की अध्यक्षता में चल रही हिंद साम्राज्य पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय महामंत्री के पद से इस्तीफा दे रहे हैं। विसेन ने एडवोकेट हरि शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन के वकालतनामे अपने सभी मुकदमों से निरस्त करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय जिला कचहरी से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के मुकदमों के लिए है। जितेंद्र सिंह विसेन अब अपनी बातें एडवोकेट शिवम गौड़ के माध्यम से कोर्ट में रखते हैं। जितेंद्र सिंह विसेन अब अपनी बातें एडवोकेट शिवम गौड़ के माध्यम से कोर्ट में रखते हैं।
अगस्त 2021 में दाखिल किया था केस
मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और ज्ञानवापी परिसर स्थित देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा के लिए जितेंद्र सिंह विसेन और अधिवक्ता हरि शंकर जैन के नेतृत्व में राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने 18 अगस्त 2021 को मुकदमा दाखिल किया था। उस दौरान जितेंद्र सिंह विसेन ने हरि शंकर जैन को अपना अभिन्न साथी और उनके द्वारा सनातन धर्म के लिए लड़ी जा रही लड़ाई का मार्गदर्शक कहा था। मुकदमे की सुनवाई तक सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा। मगर, ज्ञानवापी परिसर में एडवोकेट कमिश्नर की सर्वे की कार्रवाई की शुरूआत के साथ ही जितेंद्र सिंह विसेन और अधिवक्ता हरि शंकर जैन व विष्णु जैन के बीच दूरियां बढ़ती चली गईं। हालांकि जितेंद्र सिंह विसेन के ऐलान पर अभी तक अधिवक्ता हरि शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन की ओर से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।