चेयरमैन चुनाव में टिकट को लेकर होगी भिड़ंत


गाजीपुर (काशीवार्ता)। जिले में नवम्बर में प्रस्तावित निकाय चुनाव को लेकर नगर पालिका गाजीपुर में सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा में पूर्व चेयरमैन विनोद अग्रवाल के साथ ही और भी उम्मीदवार हैं जो टिकट के लाइन में खड़े हैं। वहीं सपा के नेता वैश्य वोटरों को लुभाने के लिए इस बार किसी गुप्ता बिरादरी से उम्मीदवार को मैदान में उतार सकती है। वैसे पूर्व में विवेक सिंह शम्मी चेयरमैन पद के सबसे मजबूत दावेदार थे। इस बार भी वह चुनाव को लेकर अपनी रणनीति तेज कर दिए हैं। साथ ही भाजपा के विनोद अग्रवाल हैट्रिक लगाने के लिए हर वो दांव आजमाना चाहते हैं, जिससे उनकी जनता और पार्टी दोनों में जीत हो सके। गाजीपुर नगर पालिका चेयरमैन पद पर भाजपा का कई दशक से कब्जा है। यहां पर चाहकर सपा नहीं जीत पाती है। वजह यह है कि यहां पर वैश्य वोटर सर्वाधिक हैं, जो सपा की जीत में हमेशा खलल डालते रहे हैं। दो बार से सपा से विवेक सिंह शम्मी उम्मीदवार थे। उन्होंने खूब मेहनत की, मगर जब परिणाम आए तो पहली बार विनोद अग्रवाल चेयरमैन बने। फिर उनकी पत्नी चेयरमैन बनकर सपा को ललकारा। अब फिर नवम्बर माह में निकाय चुनाव होंगे। सीमांकन नहीं होने के कारण पुराने वार्डों के मुताबिक ही चुनाव होंगे। देखा जाए तो विनोद अग्रवाल की पत्नी एवं चेयरमैन नगरपालिका सरिता अग्रवाल ने बेहतर कार्य किए हैं। पहले कूड़ा उठाने में परेशानी होती थी और चारों ओर गंदगी पसरी रहती थी। लेकिन परिस्थितियां बदली और नगर चमकने लगा। हालांकि विपक्ष का कहना है कि चेयरमैन का कार्यकाल पूरी तरह से फेल रहा है। वह एक असफल चेयरमैन रहीं। उनके राज में काफी गड़बड़ी हुई। कई बार उगली भी उठी। मगर हर बार सरिता अग्रवाल जांच में निर्दोष साबित होती रहीं। अब सरिता अग्रवाल के अलावा उनकी ही पार्टी में कई और कार्यकर्ता हैं, जो चेयरमैन का चुनाव लड़ने की हसरत पाले हुए हैं। उसमें सबसे पहला नाम संजीव गुप्ता है। इसके अलावा अर्जुन सेठ भाजपा से सभासद भी हैं मारकीनगंज नखास से। विक्की अग्रहरी भाजपा से दावेदारी कर रहे हैं। उन्होंने कौमी एकता से दल चेयरमैन का चुनाव भी लड़ा है। संजीव गुप्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री के करीबी हैं। ऐसा सुनने में आता है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री की वह पहली पसंद हैं। इसी तरह से सपा में रोहिणी कुमार मुन्ना का भतीजा भी दावेदारी कर रहे हैं। विवेक सिंह शम्मी के अलावा दिनेश यादव, डा. समीर सिंह, आमिर अली, अरूण श्रीवास्तव, अहमर जमाल और युवा सपा नेता अभिनव सिंह और अतीक राईनी भी दावेदारी ठोंक रहे हैं। बसपा से शरीफ राईनी तो हर चुनाव में ताल ठोंकते हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा के वैश्य वोटों में सेंधमारी करके सपा ने नींद उड़ा दी है, तभी तो सपा के जैकिशुन साहू विधायक निर्वाचित हो गए। इसलिए भाजपा इस बार पूरी तरह से सतर्क है। इस बार का चुनाव पूर्व के चुनावों से अलग होगा। भाजपा के पूर्व चेयरमैन विनोद अग्रवाल कहते हैं कि वह नगर के विकास के लिए पहले भी कृत संकल्पित थे और आगे भी लड़ते रहेंगे।