ऐतिहासिक रूप से मना जगतगुरु शंकराचार्य का अवतरण दिवस


ऐवाराणसी (काशीवार्ता)। ज्योतिष् पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती का शंकराचार्य बनने के बाद 18 अगस्त को 54वें पावन अवतरण दिवस को कई देशों में उत्सव के रूप में मनाया गया।राष्ट्र के हर प्रदेश के हर जिले में भक्तों ने धूमधाम से शंकराचार्य जी महाराज का अवतरण दिवस मनाया। काशी में रुद्राभिषेक,वेद परायण,चरण पादुका पूजन,तुलादान इत्यादि कार्यक्रम हुए।काशी में शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्या मठ सहित पूरे नगर के 100 वार्डों में 151 से अधिक स्थानों पर धूमधाम से अवतरण दिवस मनाया गया। काशी के श्रीविद्यामठ में सुबह 9 बजे से आचार्य अभिषेक दुबे,भूपेंद्र मिश्रा ओम प्रकाश पाण्डेय के सानिध्य में 51 वेदपाठी ब्राम्हणों ने चारो वेदों के विभिन्न शाखाओं का पाठ किया। महाराज के दीघार्यु होने की मंगलकामना को लेकर वैदिक विद्वानो के द्वारा रुद्राभिषेक कराया गया।उसके बाद वैदिक विद्वानों के सानिध्य में उपस्थित भक्तों ने पूज्य महाराजश्री के चरण पादुका का पूजन किया।चरण पादुका पूजन बाद वैदिक आचार्यों ने तुला पूजन कराया। जिसके उपरांत फल से शंकराचार्य जी महाराज के छायाचित्र का तुलादान हुआ। तराजू के एक पलड़े पर शंकराचार्य जी महाराज का बड़ा सा छायाचित्र व उनके वजन के बराबर करीब 80 किलो का वजन रखकर व तराजू के दूसरे पलड़े पर फल रखकर तुलादान किया गया।तुलादान के पश्चात फल व मिष्ठान का वितरण किया गया।