(शशिधर इस्सर)
वाराणसी(काशीवार्ता)। भारत में वर्षों पूर्व अस्पतालों, नर्सिंग होम व होटलों में अग्निशमन सुरक्षा को लेकर ऊंचाई के लिए मानक बनाये गये थे, जिसे बिल्डिंग कोड आॅफ इंडिया जाता है। इसके अंतर्गत भवनों की ऊचाई 15 मीटर होनी चाहिए, परंतु समय के साथ अग्निशमन सुरक्षा के नवीन उपकरण लगाये गये व अन्य निकास सुविधाओं का भी प्राविधान किया गया पर अग्निशमन विभाग है कि इसी पुरानी सोच का हवाला देकर अनापत्ति प्रमाणपत्र देने में आना-कानी कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पदभार ग्रहण करते ही कहा था कि अनेक कानून निरर्थक हो चुके हैं उनमें बदलाव की जरूरत है। और ऐसा किया भी गया। इस क्रम में भवनों की 15 मीटर ऊचाई में संशोधन करते हुए गुजरात सहित अन्य कई प्रदेशों में इसकी सीमा में 24 से 30 मीटर तक की छूट दे दी गयी है। बनारस की संकरी गलियों में अनेक निजी अस्पताल व नर्सिंग होम हैं, जो अनवरत मरीजों की प्राण रक्षा करते आ रहे हैं। इनके पास सुरक्षा उपकरण भी मौजूद हैं, परंतु ऊचाई व मार्ग की चौड़ाई बढ़ा पाना इनके वश में नहीं है। इतना ही नहीं हम बताते चलें कि विगत कोरोना काल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम में 24 घंटे का आॅक्सीजन संयंत्र लगाने पर 25 प्रतिशत धनराशि अनुदान दी जायेगी। कई चिकित्सा संस्थानों ने इस पर अमल भी किया। लेकिन अफसरशाही के चक्कर में आज तक अनुदान की राशि इन्हें नहीं मिली।
हम सभी अग्निशमन यंत्र लगाने को कृतसंकल्पित: मृगेंद्र सिंह
बीएलडब्ल्यू स्थित केयर मल्टी स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. मृगेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 54.39 लाख रूपये व्यय कर उन्होंने अपने यहां आॅक्सीजन प्लांट लगवाया, जिसका शुभारंभ भाजपा विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने किया था। इतना ही नहीं डॉ. सिंह ने सरकार को धनराशि दानस्वरूप अपना कर्तव्य समझते हुए विधायक के माध्यम से भेजी थी। डॉ. सिंह ने बताया कि लगभग डेढ़ माह पूर्व एसोसिएशन आॅफ प्राइवेट हॉस्पिटल एण्ड नर्सिंग होम, वाराणसी द्वारा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पत्रक देते हुए उन्हें अवगत कराया गया कि बनारस गलियों का शहर है। यहां कई प्राइवेट हॉस्पिटल व नर्सिंग होम गलियों में हैं, जिन्हें अग्निशमन विभाग से एनओसी लेने में भारी दिक्कत हो रही है। नतीजतन ये बंद हो जायेंगे। सभी अग्निशमन यंत्र लगाने हेतु कृतसंकल्प हैं। अतएव वाराणसी की विशेष स्थिति देखते हुए ऊंचाई की सीमा 15 मीटर से बढ़ा कर 30 या कम से कम 24 मीटर तक की जाये। ं