तीन दिनों में ही अस्पताल की व्यवस्थाएं चाक चौबंद नजर आने लगी


वाराणसी (काशीवार्ता)। पं. दीनदयाल राजकीय अस्पताल के नवागत सीएमएस डॉ.दिग्विजय सिंह ने अनौपचारिक वार्ता के दौरान अस्पताल की बदहाल स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि विगत कुछ माह में अस्पताल के समस्त विभाग अस्त व्यस्त हो गए। जिसके चलते प्रदेश में पहला स्थान रखने वाले डीडीयू अस्पताल की स्थिति बिगड़ती चली जा रही थी। डॉ.दिग्विजय सिंह ने कहा कि अस्पताल के सभी वार्डों सहित ओपीडी, आपरेशन थियेटर, दवा भंडार गृह, ट्रामा/आकस्मिक सेवा केंद्र, एमसीएच विंग, प्राइवेट वार्ड सहित अन्य विभागों का बारीकी से निरीक्षण किया। जहां कमियां मिली हैं उन्हें तत्काल सुधारने का आदेश दिया। मात्र तीन दिनों में ही अस्पताल की व्यवस्थाएं चाक चौबंद नजर आने लगी हैं। सीएमएस ने कहा 50 बेड के महिला अस्पताल में साफ-सफाई के लिए अस्पताल को दो भागों में बांटकर प्रत्येक दो फ्लोर के लिए अलग-अलग सफाई कर्मियों को तैनात किया गया है। अस्पताल में 250 केवीए व एमसीएच विंग के लिए 120 केवीए का जनरेटर लगा है। जबकि एक ही जनरेटर से पूरे अस्पताल परिसर में बिजली की आपूर्ति हो सकती है जिसके लिए इलेक्ट्रिशियन को केबिल लगाए जाने हेतु निर्देशित किया गया है। जिससे अस्पताल में बिजली कटौती के दौरान समस्या ना उत्पन्न हो। एमसीएच विंग में तैनात चिकित्सकों की 8 घंटे की शिफ्ट के अनुसार ड्यूटी लगाई गई है जिससे इमरजेंसी में डॉक्टर की देखरेख में महिला मरीज भर्ती हो सकेंगी। एमसीएच विंग के सभी फ्लोर पर वाटर कूलर लगाया जायेगा। गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था अस्पताल में ही किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। गर्भवती महिलाओं का ब्लड सैंपल लेने के साथ ही अस्पताल में जांच कराने के निर्देश के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के लिए चौकीदारों की तैनाती की जाएगी। सीएमएस ने पीपीपी मॉडल पर संचालित डायलिसिस सेंटर में एमबीबीएस चिकित्सक न होने पर आपत्ति जताई और चिकित्सक की तैनाती के लिए डायलसिस विभाग को निर्देशित किया। कहा कि स्टाफ के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी की व्यवस्था जल्दी ही शुरू की जाएगी। जिससे स्टाफ समय से अस्पताल आना शुरू कर देंगे। कहा कि जल्द ही एक फॉरसिक एक्सपर्ट की नियुक्ति भी अस्पताल में होगी। आॅपरेशन थिएटर में बिचौलियों द्वारा आपरेशन में यूज होने वाले समान बेचने और प्लास्टर लगाने के लिए पैसा लेने के मामले पर कहा कि यदि कोई पैसा लेते हुए पकड़ा गया तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
आयुष्मान वार्ड में प्रत्येक माह प्राप्त होने वाले डेढ़ लाख रुपये का नहीं मिला हिसाब
सीएमएस ने कहा कि आयुष्मान वार्ड में मरीजों के लिए लगभग डेढ़ लाख रुपये प्रतिमाह आते थे परन्तु कहां खर्च हुआ उसकी जानकारी नहीं है। परन्तु अब मरीजों की सुविधा के लिए आने वाली धनराशि से एसी लगवाया जाएगा। साथ ही ठंड में ब्लोअर लगाने की बात भी कही। ट्रामा सेंटर में 24 घंटे आॅपरेशन की व्यवस्था के साथ हर जगह 24 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। जन औषधि केंद्र के संचालक से दवा की लिस्ट चिकित्सकों को उपलब्ध कराने व दवा उपलब्ध न होने पर दवाओं के साल्ट को लिखने हेतु चिकित्सकों को निर्देशित किया गया है।