हालात बिगड़े तो संभालना होगा मुश्किल


नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख के पार पहुंच गई है। 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है। पिछले कुछ दिन से रोजाना औसतन 4 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। अगर इसी रफ्तार से संख्या बढ़ती रही, तो जून के पहले हफ्ते तक मरीजों की संख्या 2 लाख से ज्यादा होने का अंदेशा है। अगर ऐसा होता है और हालात बिगड़ते हैं तो संभालना भी मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि, सरकार के ही आंकड़े बताते हैं कि हमारे यहां अस्पताल में 1700 मरीजों के लिए एक बेड है। देश में न सिर्फ अस्पतालों की बल्कि डॉक्टरों की भी कमी है। 30 सितंबर 2019 को लोकसभा में दिए जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया था कि देश में 12 लाख के आसपास एलोपैथिक डॉक्टर हैं। अगर ये मान लें कि एक समय में इनमें से 80% यानी 9.61 लाख डॉक्टर भी काम करने की स्थिति में होते हैं, तो 1404 लोगों पर एक डॉक्टर होगा। ये आंकड़ा डब्ल्यूएचओ के मानक से भी कम है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हर 1 हजार लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए। हमारे देश में सिर्फ 69 हजार 264 अस्पताल ही हैं। इनमें से 25 हजार 778 सरकारी और 43 हजार 486 प्राइवेट अस्पताल हैं। इन अस्पतालों में 18 लाख 99 हजार 228 बेड ही हैं।