वाराणसी(काशीवार्ता)। जीवन शैली में परिवर्तन घातक गुर्दे की बीमारी की प्रगति रोकने में मददगार है। इसके लिए स्वस्थ शरीर का मानक वजन, मांसपेशियों को मजबूत रखना, धूम्रपान से दूरी एवं योगाभ्यास प्रमुख विकल्प है। यह जानकारी ओपल हास्पिटल के निदेशक एवं प्रख्यात नेफ्रोलॉजिस्ट डा. प्रदीप कुमार राय ने ‘काशीवार्ता’ को दी। उन्होंने बताया कि गुर्दे की बीमारी से बचने के लिए संतुलित प्रोटीन, कैलोरी, विटामिंस एवं खनिजों की सही मात्रा लेनी चाहिए। गोभी, गाजर, सेब, अंडा व मछली के छोटे हिस्सों के साथ ताजे फल, सब्जियां एवं वसामुक्त डेयरी उत्पाद सेहत मंद है। चोकरयुक्त आटा, भूरा चावल व मकई के सेवन से इस बीमारी से बचा जा सकता है। डा. राय ने बताया कि नमक के साथ ही केला, संतरा टमाटर, आलू जैसे पोटैशियम युक्त सामग्रियों का ज्यादा सेवन करने, रक्तचाप की बराबर जांच के साथ ही रक्त में क्रिएटिनिन स्तर की जांच, प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद, तनावमुक्त रहने, तरल पदार्थ का ज्यादा सेवन करने की सलाह दी। उन्होंने डायलिसिस की आवश्यकता पर चिकित्सक की सलाह पर नियमित डायलिसिस कराने को भी कहा।