भारत के खिलाफ एक हुई चीन-पाकिस्तान की सेना, कई पाकिस्तानी कर्नल PLA में भारतीय सीमा के पास मौजूद


नई दिल्ली: पाकिस्तान का बस एक ही मकसद है, भारत के खिलाफ कुछ ना कुछ करते रहना। तीन बार भारत से बुरी तरह लड़ाई हारने के बाद जब पाकिस्तानी सेना ने जान लिया कि वो भारत से मुकाबला करने में सक्षम नहीं है, तो अब उसने अपने देश की संप्रभुता को गिरवी रखकर चीन की सेना पीएलए से हाथ मिला लिया है। बड़ी खबर ये है कि पाकिस्तानी सेना के कई बड़े अधिकारी इस वक्त भारत से लगती सीमा पर चीन के सैनिकों के साथ मौजूद हैं और भारत के खिलाफ प्लान बना रहे हैं। (सभी तस्वीर फाइल)

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चीनी सेना में मौजूद पाकिस्तानी अधिकारी

खुफिया सूत्रों का मानना है कि पाकिस्तान और चीन के बीच सीक्रेट सूचनाओं के आदान-प्रदान को लेकर सहमति बन गई और उसके बाद पाकिस्तानी सेना के बड़े अधिकारी को चीन की सेना की मदद करने के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सेना की मदद करने के लिए कई पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी चीनी कैंप में इस वक्त मौजूद हैं और वो भारत के खिलाफ रणनीति बनाने में पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं। वबताया जा रहा है कि चीन की सेना के पश्चिमी थिएटर कमांड और दक्षिणी थिएटर कमांड में पाकिस्तानी अफसरों की तैनाती की बेहद पुख्ता संकेत मिले हैं।

कर्नल रैंक के अधिकारी हैं मौजूद

न्यूज-18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के कर्नल-रैंक के अधिकारियों को केंद्रीय सैन्य आयोग के संयुक्त कर्मचारी विभाग में तैनात अधिकारियों को चीन की सेना की तरफ से भारत के खिलाफ तैनात किया गया है। चीनी सेना के पश्चिमी थिएटर कमांड और दक्षिणी थिएटर कमांड के पास उग्रवाद प्रभावित शिनजियांग क्षेत्र और भारत सीमा की जिम्मेदारी है, लेकिन पिछले साल जून में भारतीय सैनिकों के हाथों बुरी तरह से पिटने के बाद चीन की सेना भारतीय सीमा के पास अपने नेतृत्व से लेकर सैनिकों की स्थिति और ट्रेनिंग में कई तरह की परिवर्तन कर चुकी है और बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना को भी इसीलिए बुलाया गया है।

चीनी सेना को प्रशिक्षण

रिपोर्ट के मुताबिक, चूंकी पाकिस्तानी सेना ने शुरू से ही भारत से मुकाबला करने के लिए रणनीतियां बनाई हैं, लिहाजा पाकिस्तानी सेना के कर्नल रैंक अधिकारियों को चीनी सैनिकों के कैंप में भेजा गया है। पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की जिम्मेदारी चीन के सैनिकों को युद्ध की योजना बनाने में मदद करना, उन्हें भारत से किस तरह युद्ध लड़ना है, उसे लेकर प्रशिक्षित करना और भारत के खिलाफ रणनीति बनाना है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने ने शी जिनपिंग ने अपने सबसे खास सैन्य अधिकारी जनरल वांग हैजिआंग को पश्चिमी थिएटर कमांडर का प्रमुख नियुक्त किया है, जिन्होंने शिनजियांग में मुस्लिमों के खिलाफ सुधार कैंप चलाने में अहम भूमिका निभाई थी और पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी भी उन्हें मदद करने अब पहुंचे हैं।

कई बड़े अधिकारी हैं मौजूद

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के ज्वाइंट स्टाफ डिपार्टमेंट ऑफ द सेन्ट्रल कमिशन में तैनात कर्नल रैंक के अधिकारियों को चीन भेजा गया है। पाकिस्तानी सेना के इसी विभाग के पास भारत के खिलाफ रणनीति बनाने की जिम्मेदारी होती है। खुफिया रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि बीजिंग स्थिति पाकिस्तानी दूतावास में करीब 10 से ज्यादा पाकिस्तानी सेना के अधिकारी फिलहाल तैनात हैं। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना के कई रक्षा अधिकारी भी पहले से ही चीन में स्थिति पाकिस्तानी दूतावास में मौजूद हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के कुछ अतिरिक्त अधिकारियों को चीन में रक्षा आपूर्ति से जुड़े प्रोजेक्ट के काम में लगाया गया है। भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया है कि चीनी सेना में कई स्तर पर पाकिस्तानी सेना के अधिकारी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि, ये दिखाता है कि दोनों देशों के बीच सैन्य समन्वय कितना ज्यादा गहरा है।

सीपीईसी प्रोजेक्ट में 15 हजार सैनिक

पाकिस्तानी अखबार डॉन की 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) में काम में शामिल लोगों की सुरक्षा के लिए अपने अकरीब 15 हजार जवानों की तैनाती कर रखी है। इन जवानों का काम सीपीईसी प्रोजेक्ट की सुरक्षा करने के साथ साथ प्रोजेक्ट से जुड़े चीनी नागरिकों की रक्षा करना भी है। 2019 में पाकिस्तान सेना ने कहा था कि वह चीनी नागरिकों और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) परियोजनाओं की रक्षा के लिए विशेष सैनिकों की एक डिवीजनल ताकत बढ़ाएगी, इस परियोजना को पाकिस्तान और चीन के बीच दोस्ती के प्रमाण के रूप में संदर्भित करती है। वहीं, भारत लगातार चीन और पाकिस्तान के बीच हुए इस नापाक गठबंधन पर नजर बनाए हुए है।