वेलिंगटन। भारतीय बल्लेबाजों ने विपरीत परिस्थितियों में फिर से आसानी से घुटने टेक दिये जिससे न्यूजीलैंड ने सोमवार को यहां पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में चौथे दिन पहले सत्र में ही दस विकेट से बड़ी जीत दर्ज की। भारत ने सुबह अपनी दूसरी पारी चार विकेट पर 144 रन से आगे बढ़ायी लेकिन उसकी पूरी टीम 81 ओवर में 191 रन पर ढेर हो गयी। यह पहली पारी के उसके प्रदर्शन से थोड़ा अच्छा था लेकिन इतना बेहतर नहीं था कि कीवी टीम के लिये कोई चुनौती पेश कर सके।
भारत ने पहली पारी में 165 रन बनाये थे। टिम साउदी (61 रन देकर पांच) और ट्रेंट बोल्ट (39 रन देकर चार) की जोड़ी ने दिखाया कि उनकी सीम और स्विंग के सामने भारत की मशहूर बल्लेबाजी लाइन अप में भी काफी सुधार की जरूरत है। न्यूजीलैंड के सामने नौ रन का लक्ष्य था जो उसने 1.4 ओवर में बिना किसी नुकसान के हासिल कर दिया और इस तरह से टेस्ट क्रिकेट में अपनी 100वीं जीत दर्ज की। भारत को टेस्ट मैचों में आखिरी हार 2018-19 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में मिली थी लेकिन बेसिन रिजर्व की पराजय से वह अधिक आहत हुआ क्योंकि हाल में कभी उसकी टीम ने इस तरह से घुटने नहीं टेके थे। सितारों से सजी भारतीय बल्लेबाजी किसी भी समय चुनौती पेश करती हुई नजर नहीं आयी। विकेट से तीसरे और चौथे दिन भी गेंदबाजों से मदद मिल रही थी लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने अपनी खराब तकनीक से विकेट गंवाये। यह टीम अपने पूर्ववर्ती बल्लेबाजों से तेज गेंदबाजों को बेहतर तरीके से खेलती है और इसी वजह से उसे आस्ट्रेलिया में जीत भी मिली लेकिन जब चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सीम और स्विंग का सामना करने की बात आती है तो उनकी कमजोरी खुलकर सामने आ गयी। भारतीयों में केवल मयंक अग्रवाल ही कुछ अच्छा प्रदर्शन कर पाये। भारत ने सुबह चार रन के अंदर अजिंक्य रहाणे (29) और हनुमा विहारी (15) के विकेट गंवा दिये। इन दोनों को धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी के लिये जाना जाता है लेकिन बेहतरीन सीम गेंदबाजी के सामने उनकी एक नहीं चली।