वाराणसी। संपूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय के सरस्वती भवन पुस्तकालय में संरक्षित स्वर्णाक्षरयुक्त रास पंचाध्यायी का पीएम नरेन्द्र मोदी अवलोकन करेंगे। सोने-चांदी की स्याही से लिखी इस दुर्लभ पांडुलिपी को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से काफी संभालकर रखा गया है। पीएम के आगमन के मद्देनजर तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रधानमंत्री सरस्वती पुस्तकालय में एक हजार साल पुरानी कागज पर हस्तलिखित श्रीमद्भागवत गीता, दुर्गा सप्तशती, स्वर्णाक्षरयुक्त रास पंचाध्यायी समेत अन्य दुर्लभ पांडुलिपियों का अवलोकन करेंगे। सोने-चांदी से लिखी चित्रयुक्त पांडुलिपी कलात्मकता का अनुपम संग्रह है। इस पांडुलिपी पर अक्षर इतने सूक्ष्म हैं कि उन्हें खुली आंखों से देखना संभव नहीं है। इसे देखने के लिए लेंस की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा गुजराती भाषा की पांडुलिपियों को भी पीएम को दिखाने की योजना है। संस्कृत विश्वविद्यालय के विश्व प्रसिद्ध सरस्वती भवन पुस्तकालय में दुर्लभ पांडुलिपियों का विशाल भंडार है। पूरी दुनिया में किसी भी लाइब्रेरी के पास एक लाख से अधिक पांडुलिपियां नहीं है। इसी पुस्तकालय में एक हजार साल पुरानी श्रीमद्भागवत हस्तलिखित कागज पर है, जो देश की प्राचीनतम पांडुलिपियां हैं। प्रधानमंत्री मोदी संपूणार्नंद संस्कृति विश्वविद्यालय में आने वाले देश के दूसरे पीएम होंगे। इसके पहले वर्ष 1984 में आयोजित विशेष दीक्षा समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय आई थीं।