मिड डे मील में निकल रहे कीड़े, कंकड़ व बाल


वाराणसी। उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा पर जोर देती रही है। ऐसे में पूर्व की भांति ही योगी सरकार भी मिड डे मील पर जोर दे रही है ताकि बच्चों को पौष्टिक आहार मिले और वो मन लगाकर पढ़ाई कर सकें। योगी सरकार ने खाने को शुद्ध और उच्च क्वालिटी का करने के लिए कई एनजीओ को अब खाना बनाकर प्राइमरी स्कूल और जूनियर हाईस्कूल में पहुंचाने की जिम्मेदारी दी है, लेकिन इस खाने की गुणवत्ता को लेकर अब विद्यालय के छात्र मुखर हो गए हैं। आदमपुर जोन के 70 से अधिक विद्यालयों में मिडडे मिल के भोजन में अक्सर कीड़े, कंकड़-पत्थर अथवा बाल निकलते हैं। ऐसे ही एक विद्यालय में रसोइया एनजीओ द्वारा लाया गया मेन्यू के हिसाब से मिक्स सब्जी-दाल और रोटी के साथ चावल लेकर आईं। एक-एक करके बच्चों को खाना मिला तभी चावल में कीड़ा निकाला जो चावला को लाल कर गया था। रसोइया बोलीं सरजी अक्सर निकलता है जिसे हम लोग हटा देते हैं। कक्षा 8 की निक्की ने बताया कि कभी अच्छा आता है तो कभी खराब आता है। निक्की ने बताया कि पहले जब रसोइया आंटी बनती थीं तो वो खाना टेस्टी होता था पर अब खाने में कंकड़ तो कभी बाल निकलता है। इसलिए यहां का खाना ही खाना छोड़ दिया है, घर से टिफिन लेकर आते हैं। एक अन्य छात्र जहान्वी मौर्या ने बताया कि पहले आंटी जी अच्छा बनाती थीं पर एनजीओ से जो खाना आता है वो टेस्टी नहीं होता है। अंशिका शर्मा भी कक्षा 8 में पढ़ती हैं। अंशिका ने बताया कि खाना यहां अच्छा आता है तो कभी कीड़े-मकौड़े निकलते हैं। इस सत्र में कुछ सुधार हो रहा है। लेकिन पहले रसोइयां आंटी जो खाना बनाती थीं वो अच्छा बनाती थीं। हमारी मांग है योगी अंकल से कि हमें अच्छा खाना मुहैया कराएं और जो पहले की व्यवस्था थी स्कूल में खाना बनने की उसे बहाल कर दें।
70 स्कूलों में भोजन पहुंचाने का जिम्मा तरुण चाइल्ड सोसाइटी के पास
इस समबन्ध में उच्च प्राथमिक कन्या विद्यालय, जैतपुरा के इंचार्ज प्रधानाध्यापक अनवार अहमद ने बताया कि हमारे यहां अभी 175 बच्चे हैं और उम्मीद है कि 190 हो जाएंगे क्योंकि अभी रजिस्ट्रेशन चल रहा है। उन्होंने बताया कि एनजीओ तरुण चाइल्ड सोसाइटी यहां मिड डे मील मेन्यू के हिसाब से खाना देती है। बताया कि ऐसा नहीं है कि खाना हर दिन बढ़िया ही आता है, कभी कभी खराब भी आता है जिसकी शिकायत भी मिलती है, लेकिन इसके पहले के सत्र में बहुत खराब खाना आता था।