राख का ढेर होने के बाद फिर से उठ खड़ा होना. लड़ना और जीतते जाना.
ऐसी कहानियां अगर आपको लुभाती हैं तो केएल राहुल की अगुवाई वाली किंग्स इलेवन पंजाब आईपीएल-13 में आपकी पसंदीदा टीम बन सकती है.
गौर कीजिए. छह दिन में तीन मैच और तीनों में ही जीत.
और जिन टीमों को किंग्स इलेवन पंजाब ने हराया है, उनका नाम और रुतबा देखिए.
जीत की हैट्रिक
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर
विराट कोहली की कप्तानी वाली ये टीम आईपीएल-13 की प्वाइंट टेबल में तीसरे नंबर पर है. 15 अक्तूबर को पंजाब ने इस टीम को आठ विकेट से धूल चटाई.
मुंबई इंडियन्स
रोहित शर्मा की अगुवाई वाली ये टीम डिफेंडिंग चैंपियन है. प्वाइंट टेबल में दूसरे नंबर पर मौजूदगी, इसके दमखम और दबदबे को जाहिर करती है लेकिन, पंजाब ने रविवार 18 अक्तूबर को दो-दो सुपर ओवर तक खिंचे मैच में इसके हाथ से दो प्वाइंट छीन ही लिए.
दिल्ली कैपिटल्स
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोटिंग से गुरुमंत्र लेकर प्वाइंट टेबल में पहले नंबर पर बैठी ये टीम टूर्नामेंट में कई बार अपराजेय सी नज़र आई है. लेकिन मंगलवार को पंजाब ने इसे भी पस्त कर दिया. वो भी छह गेंद बाकी रहते और पांच विकेट के अंतर से. और फिर ने टीम ने ऑफ़िशिलय ट्विटर हैंडल से पूरे गुमान में इसका एलान भी किया.
ये राख होते-होते पूरे ज़ोर पर धधकती आग बन जाने जैसा विश्वास है.
पंजाब की जीत ने दिल्ली को शिखर पर पहुंचाने में अहम योगदान देने वाले धवन के आतिशी शतक की चमक भी फीकी कर दी.
अब ज़रा फ्लैशबैक में चलिए
सिर्फ़ 10 दिन पहले पंजाब की यही टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ लगभग जीता हुआ मैच दो रन से हार गई थी. आईपीएल-13 के सात मैचों में पंजाब की ये छठी हार थी.
किंग्स इलेवन पंजाब के खाते में कुल जमा दो प्वाइंट के साथ आठवें नंबर पर थी और टूर्नामेंट में उनकी कहानी ख़त्म मान ली गई थी.
तब ख़ुद कप्तान केएल राहुल ने कहा था, “मेरे पास कोई जवाब नहीं है. अगले सात मैचों में हमें ज़ोरदार खेल दिखाना होगा.”
कैसे बदली सितारों की चाल
इसे हारे हुए कप्तान का एक रुटीन बयान माना गया. लेकिन सिर्फ़ 10 दिन बाद साफ़ है कि केएल राहुल ने तब जो कहा था, उनकी टीम उसे सच बनाने में जुट गई है.
और अब केएल राहुल के पास भी जवाब है. वो खुलकर कह रहे हैं, “हमारा दिन हो तो हम किसी भी टीम को हरा सकते हैं.”
लेकिन, सवाल ये है कि शुरुआती सात में से सिर्फ़ एक मैच जीत सकी टीम ने जीत की हैट्रिक कैसे जमा दी? वो भी टूर्नामेंट की तीन सबसे मजबूत टीमों को हराकर.
बैंगलोर के ख़िलाफ़ आठवें मैच से टीम ने कुछ बदलाव किए. खिलाड़ियों में भी और प्लान में भी. इससे सितारों की चाल और मैच के नतीजे बदलने लगे.
क्रिस गेल
लगातार बैंच पर बैठे अनुभवी क्रिस गेल को बैंगलोर के ख़िलाफ़ आजमाया गया. इस फ़ैसले ने बड़ा फर्क डाला. किंग्स इलेवन पंजाब के ओपनर ज़्यादातर मैचों में टीम को अच्छी शुरुआत दिला रहे हैं लेकिन कई बार बाद के बल्लेबाज़ अच्छी शुरुआत का फ़ायदा उठाने में नाकाम रहे. कोलकाता के ख़िलाफ़ तो ओपनर्स की विदाई के बाद किसी बल्लेबाज़ से कुछ हुआ ही नहीं.
बैंगलोर के ख़िलाफ़ गेल ने तय किया कि ओपनरों की मेहनत बेकार न जाए. जीत दिलाने वाले रन भले ही गेल के बल्ले से न निकले हों लेकिन हाफ़ सेंचुरी जमाकर उन्होंने टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया था.
मुंबई के ख़िलाफ़ उनकी पारी छोटी रही लेकिन दूसरे सुपर ओवर में पहली ही गेंद पर छक्का जमाकर उन्होंने विरोधी टीम को दबाव में ला दिया.
और, दिल्ली के ख़िलाफ़ गेल ने सिर्फ 13 गेंदों में 29 रन बना दिए. उन्होंने तुषार देशपांडे के एक ही ओवर में तीन चौके और दो छक्के जमाए. ऐसा प्रदर्शन अपनी टीम से दबाव घटाता है और विरोधी पर बढ़ाता है.
मोहम्मद शमी
पंजाब के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी का रुतबा हमेशा से ऊंचा रहा है और पिछले तीन मैचों में उनका प्रदर्शन भी वैसी ही बुलंदी पर दिखा.
बैंगलोर के ख़िलाफ़ पंजाब ने विराट कोहली और एबी डिविलियर्स को रोकने का प्लान बनाया और उसे कामयाब शमी ने ही किया. दोनों दिग्गज बल्लेबाज़ों के विकेट शमी ने लिए.
मुंबई के ख़िलाफ़ मैच में शमी ने पहले सुपर ओवर में गेंदबाज़ी की और मुंबई के बल्लेबाज़ों को सिर्फ़ पांच रन बनाने दिए.
दिल्ली के ख़िलाफ़ भी वो बेजोड़ नज़र आए. शमी किफ़ायती भी रहे और दो विकेट लेने में कामयाब भी रहे.
आईपीएल-13 में शमी के नाम 16 विकेट दर्ज हो चुके हैं और सबसे कामयाब गेंदबाज़ों की लिस्ट में वो दूसरे नंबर पर आ गए हैं.
निकोलस पूरन
किंग्स इलेवन पंजाब के लिए पूरन की बल्लेबाज़ी वरदान बन गई है. बैंगलोर के ख़िलाफ़ आखिरी ओवर में जब मैच फंसा-फंसा दिखने लगा तो पूरन ने छक्का लगाकर जीत पक्की की.
मुंबई के ख़िलाफ़ 24 रन की उपयोगी पारी खेली और मंगलवार के मैच में जब टॉप ऑर्डर के तीन बल्लेबाज़ों के विकेट लेकर दिल्ली की टीम हावी दिखने लगी तो पूरन ने 28 गेंद पर 53 रन बनाकर पलड़ा पंजाब के हक़ में झुका दिया.
राहुल, मयंक और कुंबले
पंजाब के कप्तान केएल राहुल का बल्ला तब भी रन की बरसात कर रहा था जब टीम जीत के सूखे से जूझ रही थी. 540 रन से साथ वो टूर्नामेंट के सबसे कामयाब बल्लेबाज़ हैं.
दूसरे ओपनर मयंक अग्रवाल 398 रन बना चुके हैं और वो रन बनाने के मामले में तीसरे नंबर पर हैं. वो बल्लेबाज़ी के साथ फील्डिंग में भी धमाल कर रहे हैं.
टीम की कामयाबी में एक नाम और सुनाई देता है, कोच अनिल कुंबले. अपने दौर के चैंपियन गेंदबाज़ कुंबले से मिले टिप्स की बदौलत पंजाब की कमजोर कड़ी कही जा रही गेंदबाज़ी बेहतर दिखने लगी है. सात मैचों में से छह में हार झेलने के बाद टीम और खिलाड़ियों के मनोबल को ऊंचा बनाए रखना भी कोच का ही कमाल है.
टीम के कप्तान केएल राहुल पहले ही कह चुके हैं कि बतौर कोच अनिल कुंबले की मौजूदगी टीम में ‘बड़ा अंतर’ लाती है.
जबर है ये गब्बर
पंजाब की जीत दर जीत फिलहाल चर्चा का सबसे बड़ा मुद्दा है लेकिन इसके बीच ‘गब्बर’ उपनाम से मशहूर शिखर धवन के धमाकों की धमक साफ़ सुनाई दे रही है.
पंजाब ने लगातार तीन मैचों में जीत हासिल की है तो दिल्ली के ओपनर शिखर धवन ने लगातार चार मैचों में 50 से ज़्यादा रन बनाए हैं. उनके बल्ले से लगातार दो शतक निकले हैं और दोनों ही बार वो नाबाद रहे हैं.
पंजाब के ख़िलाफ़ धवन का शतक दिल्ली कैपिटल्स को जीत नहीं दिला पाया लेकिन ‘मैन ऑफ़ द मैच’ वही रहे. पंजाब के गेंदबाज़ों ने दिल्ली के हर बल्लेबाज़ की काट खोज ली थी लेकिन उनके पास धवन का कोई जवाब नहीं था.
फिलहाल उनकी फॉर्म लाजवाब है.