आईपीएल में एक अदद ख़िताब के लिए तरस रही दिल्ली कैपिटल्स ने बुधवार को एक आसान मुक़ाबले में राजस्थान रॉयल्स को 13 रनों से मात दी.
इस जीत के साथ ही वह आठ मैच में छह जीत और दो हार के साथ-साथ 12 अंको के साथ अंक तालिका में 12 अंकों के साथ पहले स्थान पर भी पहुँच गई है.
यह वही दिल्ली कैपिटल्स है जिसे कभी दिल्ली डेयरडेविल्स के नाम से जाना जाता था लेकिन इसके मालिकों ने कुछ साल पहले इसका नाम बदल दिया.
नाम बदला तो शायद क़िस्मत भी बदल गई. इत्तेफ़ाक़ से जिस दिन दिल्ली डेयरडेविल्स की जगह दिल्ली कैपिटल्स नाम हुआ उस दिन प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मैं भी मौजूद था. यह दिन था चार दिसंबर 2018.
दिल्ली का बेहतरीन कोचिंग स्टाफ़
दिल्ली की ठंड के बीच तब सब सोच रहे थे कि नाम बदलन से क्या होगा. लेकिन परिणाम बता रहे हैं कि नाम बदलने से ठंडी पड़ी दिल्ली की सोई क़िस्मत जाग उठी.
तब दिल्ली के कोचिंग स्टाफ़ में प्रवीन आमरे और मोहम्मद कैफ़ भी शामिल हुए थे. अब भले ही प्रवीन आमरे कोचिंग स्टाफ़ में नहीं हैं लेकिन मोहम्मद कैफ़ टीम के साथ अभी भी बरक़रार हैं. मोहम्मद कैफ़ के अलावा विजय दहिया भी कोचिंग स्टाफ़ में हैं.
विजय दहिया उस कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम के कोचिंग स्टाफ़ में भी थे जब गौतम गंभीर की कप्तानी में कोलकाता साल 2014 में दूसरी बार चैंपियन बनी थी. इनके अलावा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग भी कोचिंग स्टाफ़ में हैं.
अब दिल्ली शानदार खेल रही है तो इसका श्रेय खिलाड़ियों के साथ-साथ कोचिंग स्टाफ़ को भी जाता है. अब नाम बदलने से क्या होता है इसे दिल्ली कैपिटल्स से अधिक कौन जान सकता है.
नाम बदलने से पहले दिल्ली साल 2018 में सबसे निचले आठवें पायदान पर थी लेकिन नाम बदलने के बाद पिछले साल वह तीसरे स्थान पर रही. अब अंतिम चार में पहुँचने से वह बहुत अधिक दूर नहीं है. 16 का चमत्कारिक अंक छूने से वह केवल दो क़दम यानि दो जीत दूर है.
टीम एकजुट है और बिना किसी दबाव के खेली
यह तो हुई दिल्ली डेयरडेविल्स से दिल्ली कैपिटल्स में बदलने की कहानी. लेकिन इस बार दिल्ली की टीम ने अब तक कमाल का प्रदर्शन किया है. राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ मिली जीत ने दिखाया कि दिल्ली के ख़िलाड़ियों में मुंबई के हाथों पिछले मैच में मिली हार का कोई मलाल नहीं था.
उन्होंने उस राजस्थान रॉयल्स को दबोचा जिसने अपने पिछले मैच में राहुल तेवतिया और रियान पराग के दमदार खेल के दम पर सनराइज़र्स हैदराबाद के मुंह से जीत छीन ली थी. तब राजस्थान ने जीत के लिए 159 रन का लक्ष्य पाँच विकेट खोकर हासिल कर लिया था.
उस मैच में राहुल तेवतिया ने अपने तेवर दिखाते हुए केवल 28 गेंद पर नाबाद 45 और रियान पराग ने केवल 26 गेंद पर नाबाद 42 रन बनाए थे. विजयी छक्का लगाकर रियान पराग ने तो मैच के बाद पिच पर अनोखे अंदाज़ में डांस भी किया. लेकिन दिल्ली ने राजस्थान को कोई ऐसा मौक़ा नही दिया.
शिखर धवन और कप्तान श्रेयस अय्यर का जलवा
पहले तो दिल्ली ने टॉस जीतकर निर्धारित 20 ओवर में शिखर धवन के 57 और कप्तान श्रेयस अय्यर के 53 रन की मदद से सात विकेट खोकर 161 रन बनाए. शिखर धवन का यह लगातार दूसरा अर्धशतक रहा.
इसके साथ ही उन्होंने अपनी खोई फ़ॉर्म भी हासिल कर ली. यह शिखर धवन और कप्तान श्रेयस अय्यर की बल्लेबाज़ी का ही कमाल था कि उन्होंने तेज़ तर्रार बल्लेबाज़ ऋषभ पंत और हेटमायर की कमी खलने नहीं दी जो टीम से बाहर थे.
दरअसल ऋषभ पंत विकेटकीपर भी हैं लेकिन उनके चोटिल होने से विदेशी खिलाड़ी एलेक्स कैरी को टीम में शामिल करना पड़ा और उनकी जगह हेटमायर को भी टीम से बाहर जाना पड़ा क्योंकि एक मैच में केवल चार विदेशी खिलाड़ी ही खेल सकते हैं.
दिल्ली ने इस मैच में हर्षल पटेल की जगह बिलकुल नए तेज़ गेंदबाज़ तुषार देशपांडे को भी टीम में जगह दी. तुषार देशपांडे ने पहले तो ख़तरनाक साबित होते जा रहे राजस्थान के सलामी बल्लेबाज़ बेन स्टोक्स को कैच कराया और उसके बाद श्रेयस गोपाल का विकेट भी लिया.
अपना और पारी का आख़िरी ओवर करने वाले तुषार देशपांडे ने कमेंटरी कर रहे खिलाड़ियों का दिल भी जीता जब कमेंटेटर उन्हें सर देशपांडे कहते सुनाई दिए. उनकी यॉर्कर से सभी बेहद प्रभावित थे जबकि बड़े-बड़े खिलाड़ी यॉर्कर करने की कोशिश में फ़ुलटॉस गेंद कर रहे हैं.
वैसे तो दिल्ली की टीम में कैगिसो रबाडा भी रफ़्तार के सौदागर हैं और उन्होंने अभी तक मैच में सबसे अधिक 18 विकेट भी अपने नाम किए हैं लेकिन उनका बख़ूबी साथ निभाया एनरिक नोर्किये ने जिन्होंने 33 रन देकर दो विकेट हासिल किए और मैन ऑफ़ द मैच भी रहे.
यहां आर अश्विन की भी तारीफ़ करनी होगी जिन्होंने चार ओवर में केवल 17 रन देकर एक विकेट हासिल किया और राजस्थान की रन बनाने की रफ़्तार पर अंकुश लगा दिया.
राजस्थान बिखरी-बिखरी सी लगी
एक तरफ़ जहँ दिल्ली पहले तो बल्लेबाज़ी और उसके बाद गेंदबाज़ी और फ़िल्डिंग में भी राजस्थान पर भारी पड़ी. अक्षर पटेल ने रियान पराग को रन आउट किया तो बाक़ी खिलाड़ियों ने सही समय पर कैच पकड़े.
इस आईपीएल में जीत के साथ शुरुआत करने वाली और पिछला मैच हैदराबाद से जीतने वाली राजस्थान रॉयल्स का अभियान दिल्ली के ख़िलाफ़ हार अब मुश्किल में पड़ता नज़र आ रहा है.
ख़ुद कप्तान स्टीव स्मिथ के अलावा संजू सैमसन का बल्ला जैसे ख़ामोश हो गया है. राहुल तेवतिया ही कब तक टीम को जीत दिलाते रहेंगे. जोस बटलर भी बड़ी पारी नहीं खेल रहे हैं तो बेहद अनुभवी रोबिन उथप्पा अच्छी शुरुआत का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.
बेन स्टोक्स के 41, रोबिन उथप्पा के 32 और संजू सैमसन के 25 रन बताते हैं कि अगर दिल्ली के ख़़िलाफ़ इन्होंने और जमकर बल्लेबाज़ी की होती तो मैच का परिणाम बदल भी सकता था लेकिन ऐसा नही हुआ. दबाव में बिखरने से कैसे बचा जाए यह अब स्टीव स्मिथ को टीम को समझाना होगा.
राजस्थान की आगे की राह हुई मुश्किल
गेंदबाज़ी में जोफ्रा आर्चर के रूप में राजस्थान के पास बेहतरीन गेंदबाज़ है लेकिन बाक़ी गेंदबाज़ उनका साथ नहीं दे पा रहें हैं. एक टीम के रूप में दिल्ली बेहद मज़बूत साबित हुई तो एक टीम के तौर पर राजस्थान बिखरी दिखाई दी.
आठ मैच के बाद चेन्नई सुपर किंग्स और सनराइज़र्स हैदराबाद के भी छह-छह अंक हैं लेकिन अंकों के खेल में इन टीमों को आगे जाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाना होगा. देखते हैं क्या होता है.